रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी की 27वीं कड़ी में ‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार’ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि “महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता।”

लोकवाणी में चर्चा करते हुए सीएम नें सरकारी नौकरी से लेकर स्व-रोजगार में महिलाओं की तरक्की के विषय में कहा कि ” सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होम गार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करने के बिहान योजना है, जिसमें अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहों के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भी महिला स्व-सहायता समूहों के गठन के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधियों के लिए मदद की जाती है।”

सीएम ने कहा कि “अब हम प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करने जा रहे हैं ताकि हमारी माताओं, बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले। प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं। महिला हेल्पलाईन 181 का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी कोने से इस टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है। मैं चाहूंगा कि हमारी बहनें इस 181 नंबर को याद रखें और कोई भी तकलीफ होने पर इसकी मदद लें।”

इसके अलावा सीएम ने बेटियों की शिक्षा को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ में बेटियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए हैं। हमारे प्रयासों से सरकारी महाविद्यालयों में बेटियों की संख्या बेटों से डेढ़ गुना हो गई है।

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