सत्तापक्ष और विपक्ष से घिर गए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, भाजपा ने सदन में मंत्री के बहिष्कार का किया ऐलान
सत्तापक्ष और विपक्ष से घिर गए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, भाजपा ने सदन में मंत्री के बहिष्कार का किया ऐलान

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेसी विधायकों ने अपनी ही सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को जमकर घेरा और उनके जवाब से असंतुष्ट होकर काफी देर तक सदन में गतिरोध बनाए रखा। वहीं कांग्रेस विधायक के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर विपक्ष ने भी हंगामा कर दिया, इस दौरान मंत्री भगत की टिपण्णी विपक्ष को बुरी लगी और वह विरोध करते हुए गर्भ गृह तक जा पहुंचा।

सरकारी धान खरीदी में गड़बड़ी का मामला

राज्य विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने बेमेतरा जिले के विकासखंड नवागढ़ की सहकारी सोसायटी कूंरा में धान खरीदी में अनियमितता का मामला उठाते हुए राज्य के खाद्य मंत्री का जवाब चाहा था। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से आशीष छाबड़ा ने आरोप लगाया कि सोसाइटी में धान खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है, बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों द्वारा संबंधित लोगों को बचाया जा रहा है। ध्यानाकर्षण का जवाब देते हुए राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने स्वीकार किया कि सोसाइटी में धान खरीदी में गड़बड़ी हुई है लेकिन उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की।

विपक्ष का हंगामा और अमरजीत की असंसदीय टिपण्णी

इसी मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की असंसदीय टिप्पणी पर भड़के विपक्ष के नेता ने कहा कि ये सदन की अवमानना है। इस दौरान विपक्ष के हंगामे के बीच सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेसी विधायक बृहष्पत बरसे अमरजीत पर

सदन के दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री भगत को अड़े हाथ लिया। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस के विधायक के सवालों का अपनी ही सरकार में जवाब न आना और सदन में विधायक को बोलने नहीं दिया जाना बहुत ही शर्मनाक है। इस पर आसंदी ने विधायक बृहस्पति सिंह की टिप्पणियों को विलोपित करने का निर्देश दिया, लेकिन बृहस्पति सिंह शांत नहीं हुए, वे लगातार इस व्यवहार और टिप्पणी की आलोचना करते रहे। कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा भी लगातार खड़े रहकर कार्यवाही की माँग करते रहे।

कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने सदन में कहा कि गड़बड़ी हुई है, और यह प्रमाणित गड़बड़ी है, मैं सत्ता पक्ष का विधायक हूँ और उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आशीष छाबड़ा, बृहस्पति सिंह और शैलेष पांडेय के गतिरोध को देखते हुए आसंदी सत्यनारायण शर्मा को कई बार संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया को निर्देश देना पड़ा कि वे अपने पक्ष के कांग्रेसी विधायकों को शांत कराएं।

गर्भगृह में उतरा विपक्ष, स्पीकर ने किया निलंबित…

इस दौरान आसंदी ने मंत्री की टिप्पणी विलोपित करते हुए कहा कि मंत्री अपने विवेक से खेद जता सकते हैं। आसंदी की व्यवस्था के बाद भी मंत्री ने खेद व्यक्त नहीं किया और दोबारा असंसदीय टिप्पणी कर डाली। इस पर भाजपा विधायकों ने गर्भगृह में उतरकर विरोध जताया। जिसके बाद स्पीकर ने इनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया।

मंत्री के बहिष्कार की घोषणा

इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा विपक्ष बजट पर विभागीय चर्चा से क्यों भाग रहा है। जबकि विपक्ष चर्चा के लिए पहले खेद व्यक्त करने की मांग कर रहा था। आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में हुई चर्चा का जिक्र किया। इस पर आसंदी ने कहा कि अध्यक्ष के कमरे में हुई चर्चा का जिक्र सदन में नहीं हो सकता। वहीं मंत्री अमरजीत भगत के खेद नहीं जताने पर बीजेपी विधायकों ने सदन में उनके बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया।

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