CSEB की लाइनमैन भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का हाईकोर्ट ने दिया आदेश, अनुभव के मामले में पक्षपात का लगा था आरोप
CSEB की लाइनमैन भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने का हाईकोर्ट ने दिया आदेश, अनुभव के मामले में पक्षपात का लगा था आरोप

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनी की ओर से की जा रही 3000 लाइनमैन की भर्ती के विज्ञापन को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस पी सेम कोशी ने माना है कि उम्मीदवारों को बोनस अंक देने में भेदभाव किया जा रहा है। इसलिए विज्ञापन को निरस्त कर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अब विद्युत वितरण कंपनी को फिर से भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करना होगा और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा

मिली जानकारी के मुताबिक बिजली विभाग ने 12 अगस्त को लाइनमैन के 3000 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें 1.36 लाख आवेदन आए थे। भर्ती मेरिट के आधार पर की जानी थी, जिसके लिए दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक था। नियुक्ति के लिए मार्कशीट के 70 प्रतिशत अंक और अनुभव पर 30 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए थे।

बेखराम साहू नामक रायपुर के एक आवेदक ने इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कहा कि कंपनी ने विभाग में पूर्व से कार्यरत संविदा कर्मियों को प्राथमिकता देने की तैयारी कर ली है। उनके अनुभव को प्राथमिकता दी जा रही है, जो कानून सम्मत नहीं है। वस्तुतः सभी आवेदकों के अंक और अनुभव पर विचार किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कार्यरत है, लेकिन उसके अनुभव को मान्यता नहीं दी जा रही है। करीब 2700 संविदा कर्मियों को इस भर्ती के जरिए नियमित नियुक्ति देने की योजना विभाग ने बना ली है, जिससे अन्य आवेदकों के अवसर समाप्त हो रहे हैं।

प्रकरण की सुनवाई जस्टिस पी सैम कोसी की सिंगल बेंच में हुई। अदालत ने याचिकाकर्ता की दलील से सहमति जताते हुए भर्ती की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करने का आदेश दिया है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर

Trusted by https://ethereumcode.net