शहीद दिवस पर अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की पुण्यतिथि पर कलिंगा विश्वविद्यालय में ‘‘स्मृति संगोष्ठी’’ का आयोजन संपन्न


रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय में अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की की पुण्यतिथि पर 23 मार्च को ‘‘शहीद दिवस’’ के अवसर पर ‘‘स्मृति संगोष्ठी’’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ विद्वान, प्राध्यापक और विद्यार्थी वक्ताओं ने अमर शहीदों के व्यक्तित्व, जीवन यात्रा और उनके योगदान पर अपने विचारों को साझा किया।

विदित हो कि कलिंगा विश्वविद्यालय के शहीद वीरनारायण सिंह शोधपीठ और इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्मृति संगोष्ठी मे सर्वप्रथम अमर शहीदों के चित्रों पर दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण कर दो मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गयी।

उसके बाद मुख्य वक्ता के रुप में उपस्थित लोक प्रशासन विषय के सहा. प्राध्यापक शेखर चौधरी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किया, वह युवकों के लिए हमेशा ही बहुत बड़ा आदर्श बना रहेगा। देश के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।’’

इतिहास विभाग के सहा. प्राध्यापक चंदन सिंह राजपूत ने बताया कि ‘‘91 वर्ष पहले आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को देश के तीन सपूतों शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया था।

अंग्रेजी शासन की हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फांसी की सजा दे
दी गई थी।’’

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