सीधी। थाने में पत्रकारों और उसके अन्य साथियों के कपड़े उतरवाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए 2 पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रिपोर्ट भी तलब की है।
मध्य प्रदेश के सिधी जिले में 8 पत्रकारों को थाने के भीतर निर्वस्त्र करने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में शिवराज सरकार दुनियाभर में अपनी फजीहत कराने के बाद एक्शन मोड में आ गई है। थाने में पत्रकारों और उसके अन्य साथियों के कपड़े उतरवाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए 2 पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रिपोर्ट भी तलब की है।

प्रदर्शन करने की मिली सजा
दरअसल, पिछले दिनों धरना प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उनके कपड़े उतरवाकर लॉकअप में डाल दिया गया। स्थानीय पुलिस द्वारा पत्रकार व अन्य के साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। इसके बाद अंडरवियर में इनका फोटो वायरल हो गया। अब इस मामले को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान में लिया है। शिवराज सरकार ने भोपाल पुलिस मुख्यालय से जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही सीधी के दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार थाना प्रभारी और एक एसआई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इतना ही नहीं सीधी (sidhi) जिले के एसपी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने थाना प्रभारी कोतवाली मनोज सोनी और अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है।
SHO का अजीबो-गरीब तर्क
इस मामले पर एसएचओ ने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से कम कपड़ों में रखा गया था। SHO मनोज सोनी ने कहा, पकड़े हुए लोग पूरे नग्न नहीं थे। सुरक्षा की दृष्टी से उनको हवालात में अंडरवियर में रखते हैं, जिससे कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से खुद को फांसी न लगा ले। सुरक्षा से हम उनको ऐसे रखते हैं।
इस मामले पर IG रीवा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा इसको गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी कोतवाली सीधी एवं एक उप निरीक्षक को तत्काल हटा कर पुलिस लाइन संबद्ध किया गया है एवं प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
परिसर में जुलूस भी निकाला..!
पत्रकार कनिष्क तिवारी के मुताबिक उन्होंने सत्ताधारी दल के विधायक केदारनाथ शुक्ला के खिलाफ खबर लिखी। थाने में बस कपड़े ही नहीं उरवाये गए, परिसर में जुलूस भी निकाला गया। कनिष्क ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों विधायक के खिलाफ खबरें लिखी थीं। इधर थाने से तस्वीरें विधायक और उनके बेटे को भेजी गईं। पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को 18 घंटे थाने में रखा और पीटा।
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