नई दिल्ली। आम जनता को पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी से हलाकान है। आम जनता केंद्र सरकार से डीजल-पेट्रोल के रेट घटाने की आस कर रही है। लेकिन, अब केंद्र ने राज्यों के पाले में महंगाई की गेंद डाल दी है।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े रेटों से राहत देने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करके जनता को कुछ राहत देनी चाहिए। हरदीप पुरी ने यह बात छत्तीसगढ़ के महासमुंद में देशव्यापी चलाए जा रहे सामाजिक न्याय पखवाड़े कार्यक्रम के तहत हुए समारोह भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कीमतों में काबू में रखने के प्रयास कर रही है। इसीलिए केंद्र सरकार ने पिछले साल पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी और राज्य सरकारों से भी ऐसा करने को कहा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल पर वैट 24 फीसदी है। अगर इसे 10 फीसदी कर दिया जाए तो भाव अपने आप कम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब खपत बढ़ेगी तो 10 फीसदी वैट से भी राज्य को अच्छी आमदनी हो जाएगी। हरदीप पुरी ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों ने डीजल-पेट्रोल पर वैट घटा रखा है। वहीं, महासमुंद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के काफिले को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें हरदीप पुरी के काफिले तक नहीं पहुंचने दिया और पहले ही रोक लिया।
शुक्रवार को भी नहीं बढ़े रेट
सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में शुक्रवार को लगातार नौवें दिन भी कोई बदलाव नहीं किया। बावजूद इसके देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये से ऊपर हैं, जबकि मुंबई में यह 120 रुपये लीटर से भी ज्यादा महंगा बिक रहा है। महाराष्ट्र में तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में एक स्थानीय नेता ने सैकड़ों लोगों को 1 रुपये के भाव पर पेट्रोल बांट दिया। यह काम मोदी सरकार की तेल पर नीतियों को खिलाफ किया है।
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