काम के बदले ब्रांडेड शराब की मांग, नप गए नायब तहसीलदार...
काम के बदले ब्रांडेड शराब की मांग, नप गए नायब तहसीलदार...

बिलासपुर। राजस्व के मामले में प्रदेश का सबसे भ्रष्ट जिला बिलासपुर है और यहां के तेज-तर्रार माने जाने वाले कलेक्टर अब तक अपने अधीनस्थों द्वारा की जा रही रिश्वतखोरी पर अंकुश नहीं लगा सके हैं। इस बार जिले के एक नायब तहसीलदार का रिश्वत के रूप में ब्रांडेड शराब मांगे जाने का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद इस रिश्वतखोर दंडाधिकारी को कलेक्ट्रेट में अटैच करते हुए उसके निलंबन की अनुशंसा कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने की है।

यह मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी तहसील का है, जहां पदस्थ नायब तहसीलदार रमेश कुमार कमार वायरल वीडियो में जिस अंदाज में आवेदकों और अपने कर्मचारियों से बात कर रहे हैं, उससे साफ़ दिखता है कि रिश्वत लेना और देना राजस्व विभाग की संस्कृति बन गया है। वायरल वीडियो में नायब तहसीलदार आवेदक और दलालनुमा व्यक्ति से एक जमीन के बारे में बात कर रहे हैं, बीच-बीच में वे मजाकिया अंदाज में पटवारी को अपशब्द कहते हुए उसकी गलती भी बता रहे हैं और अमिताभ और हेमामालिनी का उदहारण भी देने लगते हैं।

इनका कर दो, बाकी को मरने दो

मस्तूरी के नायब तहसीलदार रमेश कुमार जमीन संबंधी इस मामले का अच्छी तरह अध्ययन करने और गुणा-भाग करने के बाद आवेदक की इच्छा के मुताबिक काम करने की बात कह सबके सामने कहते हैं। इसके बाद वे चुटिल अंदाज में आवेदक को महंगी ब्रांड के शराब की बोतल लाने को कहते हैं, इसके बाद वे इस शराब की कीमत भी पूछते हैं, साथ ही अपनी किसी महिला स्टाफ को आवाज लगाकर कुछ कहते हैं, मगर स्टाफ कुछ तकनीकी दिक्कत बताती है तो नायब तहसीलदार कहते हैं कि “तुम इनका कर दो, बाकी को मरने दो।”

वायरल हुआ वीडियो तो कर दिए गए अटैच

नायब तहसीलदार रमेश कुमार का वीडियो बनाकर संबंधित आवेदक ने उसे वायरल कर दिया। जिसे संज्ञान लेते हुए कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने तत्काल जांच का आदेश दिया। तब वायरल वीडियो में नजर आ रहे महिला एवं पुरुष स्टाफ तथा मौके पर मौजूद सामान्य नागरिक का बयां लेकर मामले की पुष्टि की गई। जिसके बाद कलेक्टर, बिलासपुर सारांश मित्तर ने नायब तहसीलदार के कृत्य को शासकीय सेवक के अनुरूप नहीं होना बताया और उसके निलंबन की अनुशंसा का पत्र कमिश्नर, बिलासपुर को भेज दिया। इसके साथ ही रमेश कुमार कमार को पद से हटाकर जिला कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा में अटैच करने का आदेश भी जारी किया गया है।

देखिये वायरल वीडियो :

राजस्व के मामले में बदनाम है यह जिला

बता दें कि बिलासपुर का राजस्व अमला घोटालों और रिश्वतखोरी के मामले में काफी बदनाम रहा है। यहां जमीनों की बड़ी अफरा-तफरी हुई है, जिसे ठीक करने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। कुछ समय पूर्व एक गरीब रिक्शावाले के नाम करोडों की जमीन होने का मामला उजागर हुआ था। इसके अलावा अन्य कई घोटाले भी यहां हुए है। कलेक्टर सारांश मित्तर द्वारा इस तरह की गड़बड़ियों और रिश्वतखोरी पर रोक लगाने के लिए काफी प्रयास किये जा चुके हैं, मगर लगता है कि राजस्व अमले में तैनात कर्मचारी और अधिकारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं, तभी तो अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम रिश्वत की मांग करने लगे हैं।

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