रायपुर। विद्युत् संविदा कर्मचारी पिछले 43 दिनों से अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन पर डटे हुए हैं। ये सभी कर्मचारी पिछले 3 दिन से अन्न त्याग कर अपनी मांगो पर सरकार और प्रशासन के ध्यानाकर्षण हेतु आंदोलनरत हैं।तीन दिनों से अन्न त्याग कर बैठे इन कर्मचारियों की सुध न प्रशासन से किसी ने ली है न ही सरकार ने। वही पिछले दो महीने से आंदोलनरत इन विद्युत् संविदा कर्मचारियों द्वारा कार्यत्याग करने के कारण विद्युत् लाइन की मरम्मत और मेंटनेस दोनों ही प्रभावित हो रही है।

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विभागीय खींचतान का आमजन कर रहा है भुगतान
पॉवर कम्पनी और में संविदा कर्मियों के बीच 2 महीने से चल रहे विभागीय खींचतान के कारण विद्युत लाइन का मरम्मत नहीं होने से मैदानी स्तर पर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गयी है और इस अव्यवस्था का परिणाम किसानों एवं आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में कही रात भर बिजली गुल रहती है तो कहीं लो वोल्टेज की समस्या से आम आदमी हलाकान हैं। कुछ इसी प्रकार की स्थिति सम्पूर्ण प्रदेश में बानी हुई है। इस अव्यवस्था का समाधान करना तो दूर बल्कि इसके उलट विद्युत् कंपनी प्रबंधन इसे नकारने में लगा है। कंपनी प्रबंधन ये मानने तक को तैयार नहीं है कि संविदा कर्मियों के न होने से कोई प्रभाव मैदानी स्तर पर पड़ रहा है। कंपनी प्रबंधन के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से बना हुआ है। जबकि मैदानी स्तर में स्थिति इसके विपरीत है और इस विभागीय कलह का भुगतान आम आदमी भुगत रहा है।
पूर्व मंत्री समर्थन में उतरे
छत्तीसगढ़ के पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत अब विद्युत् संविदा कर्मचारियों के समर्थन उतर आये हैं। मूणत ने ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने विद्युत् संविदा कर्मियों का समर्थन किया और भूपेश बघेल पर हमला बोला। मूणत ने अपने एक ट्वीट में कहा कि “संविदा शब्द से कांग्रेस संवेदनशील हो गयी है भरोसा जीत कर सत्त्ता पाकर भूपेश तेरा सिस्टम ग़मगीन है।”
उन्होंने विद्युत् संविदा कर्मियों द्वारा चलाये जा रहे हैशटैग #CG_With_विद्युतसंविदा_कर्मचारीसंघ का भी समर्थन किया।
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