जशपुर। यहां के जिला जेल से कैदियों का पेट काटकर बचाया हुआ चावल बाहर सप्लाई करने की योजना तब विफल हो गई, जब खाद्य विभाग की टीम ने जेल से निकल कर कुछ ही दूर पहुंचे चावल से भरे मेटाडोर को पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद जेल प्रबंधन के बीच अफरा-तफरी का माहौल है, और जेल के अधिकारी तरह-तरह के बहाने बनाने में जुट गए हैं। जेल प्रमुख का नाम मनीष संभाकर बताया जा रहा है।
फ़ूड ऑफिसर को आया फोन और हुई कार्रवाई
दरअसल जशपुर के जिला जेल में बिलासपुर के किसी ठेकेदार द्वारा राशन की सप्लाई की जाती है, मगर चावल नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से मिलता है। आज ठेकेदार द्वारा दाल और तेल अदि सामग्रियों की आपूर्ति मेटाडोर के माध्यम से जिला जेल जशपुर में की गई। इस वाहन के जेल के अंदर खाली होने के बाद इसी में जेल के स्टोर में बचा हुआ चावल लोड कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि जेल से चावल की अफरा-तफरी की सूचना लीक हो गयी और सूत्र के द्वारा पल-पल की जानकारी ऊपर तक दी जा रही थी। यहां तक कि जेल परिसर के अंदर खड़े मेटाडोर की तस्वीर भेजकर चावल के गलत तरीके से लोड होने की पुख्ता जानकारी भेजी गई।
जशपुर के जिला खाद्य अधिकारी अमित कुजूर ने TRP न्यूज़ को बताया कि उन्हें सेंट्रल जेल से इस अफरा-तफरी की सूचना मिली और उन्होंने तत्काल अपने खाद्य निरीक्षक को मौके पर भेजा, तब तक मेटाडोर जेल से निकल कर थोड़ी ही दूरी पर पहुँच चुकी थी। इस वाहन को रोककर तलाशी ली गई तब उसमे चावल लदा हुआ मिला, जिसके बाद वाहन को पुलिस थाना परिसर में खड़ा करते हुए चालक को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। फ़िलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
CCTV फुटेज जब्त होने चाहिए
जिस सूत्र के माध्यम से जेल से चावल के अफरा-तफरी की सूचना शासन तक पहुंची, उसने मीडिया से चर्चा में कहा कि कैदियों के लिए जो चावल शासन की ओर से आता है उसमें कटौती करके जेल के स्टाफ काफी मात्रा में चावल बचा लेते हैं और उसे मार्केट में खपा देते हैं। जेल अधीक्षक के संरक्षण में यह काम काफी समय से चल रहा था, मगर इस बार यह अफरा-तफरी पकड़ी गई है। सूत्र का कहना है कि जब तक जेल में लगे CCTV के फुटेज की जब्ती नहीं होगी इस अफरा-तफरी का और भी अच्छी तरह खुलासा नहीं किया जा सकेगा। प्रशासन और पुलिस को सबसे पहले जेल से CCTV की जब्ती करनी चाहिए।
जिला जेल जशपुर के जेल संदर्शक रूद्र दमन पाठक ने बताया कि जिस तरह चावल की खेप पकड़ी गयी है, उससे लगता है कि यहां लम्बे समय से अफ्री-तफरी चल रही थी। उन्हें इस बात की सूचना तो पहले से आ रही थी, मगर पुख्ता जानकारी के अभाव में इससे पहले कार्रवाई नहीं हो सकी। कैदियों का हक़ मारकर उनके राशन की अफरा-तफरी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
बहरहाल यह पहला मामला है जब जेल से इस तरह के राशन की चोरी-छिपे की जा रही अफरा-तफरी पकड़ में आ गई है। देखना यह है कि इस मामले में जेल प्रबंधन पर गाज गिरती है या सबूतों से छेड़छाड़ कर दोषियों को बचाने का प्रयास किया जाता हैं।
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