नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने दावा किया है कि देश के सभी पावर प्लांट को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा में कोयले की सप्लाई की जा रही है। सरकार कोयले का उत्पादन बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है। बंद या छोड़ी गई कोयला खदानों में निकालने योग्य कोयला भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इन खदानों से कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। ऐसे में इसकी भी कोशिशें जारी हैं। कोयला मंत्रालय का कहना है कि सरकार का लक्ष्य कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। समय के हिसाब से कोयले की जरूरत बढ़ रही है।

मंत्रालय ने कहा कि कोयले के जल्द आयात की सलाह दी गई थी, ताकि अतिरिक्त कोयला मई 2022 के महीने से ही बिजली संयंत्रों तक पहुंच जाए। तमिलनाडु और महाराष्ट्र ने कोयला आयात के आदेश दे दिए हैं। कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। कोयला ब्लॉक की नीलामी के लिए राजस्व हिस्सेदारी में 50 फीसद की छूट का प्रस्ताव है। समीक्षा बैठक में आवंटित कोयले की ढुलाई की प्रगति की भी समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि आवंटित कोयले का उठान कुछ राज्यों में संतोषजनक नहीं है। उनसे कहा जा रहा है कि वह इस बारे में अपने प्रदर्शन में सुधार करें।

20 बंद खदानों को फिर से शुरू करेगी कोल इंडिया

दुनिया की सबसे बड़ी कोयला कनन कंपनी कोल इंडिया मिलिटेड अपनी 20 बंद पड़ी भूमिगत कोयला खदानों को फिर से शुरू करेगी। कोल इंडिया इन खदानों को फिर से शुरू करने और राजस्व शेयरिंग मॉडल पर उत्पादन के लिए प्राइवेट सेक्टर से पेशकश करेगी। कंपनी ने शुक्रवार को निवेशकों के साथ मुंबई में एक बैठक भी की थी। बैठक में इस पेशकश के बारे में निजी क्षेत्र को बताया गया।

देश को कोयले में आत्मनिर्भर बनाना है लक्ष्य

इस कार्यक्रम में निवेशकों को संबोधित करते हुए केंद्रीय कोयला, खनन और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि कोयला मंत्रालय का लक्ष्य थर्मल कोयले के आयात को कम करना और देश को इस क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाना है। जोशी ने सत्र में मौजूद निवेशकों से कहा अभी कुछ समय पहले लोग कहा करते थे कि कोयले की आवश्यकता कम होने वाली है, लेकिन वर्तमान में हम कोयले की आवश्यकताओं में वृद्धि देख रहे हैं।

आसानी से निकाला जा सकता है 3-4 करोड़ टन कोयला

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बंद पड़ी कोयला खदानों में निकालने योग्य भंडार लगभग 38 करोड़ टन है। इसमें से 3-4 करोड़ टन कोयला आसानी से निकाला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि खनन गतिविधियों को जारी रखने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हुए टीपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

दुनिया में कोयले का पांचवा बड़ा भंडार भारत में

वहीं, केंद्रीय कोयला, खनन और रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के पास दुनिया में कोयले का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य घरेलू कोयला उत्पादन को वित्त वर्ष 2023-24 तक 1.2 अरब मीट्रिक टन तक बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि ईंधन के रूप में ऊर्जा मिश्रण में कोयले का सबसे बड़ा योगदान है। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल नवीनतम खनन प्रौद्योगिकी, मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं की तैनाती का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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