देहरादून। ग्रीष्मकाल के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे खोल दिए गए। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु बद्री विशाल के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। बद्रीनाथ धाम को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर सकेंगे।

आज सुबह बद्रीनाथ मंदिर के कपाट जैसे ही खुले जय बद्रीनाथ के जयघोष से मंदिर गुंजायमान हो उठे। मंत्रोच्चारण से चारों तरफ का वातावरण भक्तिमय है। इससे पहले पांडुकेश्वर से तेल कलश यात्रा के साथ भगवान बद्री विशाल के प्रतिनिधि उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोली बद्रीनाथ धाम पहुंची थी।
जोशीमठ में पूजा-अर्चना के बाद श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के खजांची भूपेंद्र रावत के नेतृत्व में भगवान बदरी विशाल का खजाना शुक्रवार देर शाम बद्रीनाथ धाम पहुंचा था। परंपरा के अनुसार खजाने के साथ भगवान नारायण के वाहन गरुडजी की मूर्ति भी खजाने के साथ बद्रीनाथ पहुंची। आठ मई को मंदिर के कपाट खुलने से पहले भगवान के खजाने की पूजा-अर्चना की गई और फिर आज ब्रह्म मुहूर्त में बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए।
3 मई से हुई थी चारधाम यात्रा की शुरुआत
गौरतलब है कि तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो गई थी। 6 मई शुक्रवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। इस बार बेतहाशा भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार ने चार धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों की दैनिक सीमा तय की है. बद्रीनाथ में प्रतिदिन 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों की अनुमति दी गई है। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। कोरोना महामारी शुरू होने के करीब दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों के बीच भारी उत्साह देखा जा रहा है। भारी संख्या में लोग केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में पहुंच रहे हैं।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…