किसानों के लिए किसानों द्वारा बनाया गया है
किसानों के लिए किसानों द्वारा बनाया गया है

जांजगीर-चांपा। धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ के किसानों ने स्थानीय जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर एक छोटे से गांव बहेराडीह भदरीपाली में किसान स्कूल का निर्माण किया है। जिसका शुभारंभ 22 मई को छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत करेंगे। इस स्कूल में किसानों को 18 अलग अलग विषयों की जानकारी मिल सकेगी।

भारत का पहला किसान स्कूल

युवा कृषक संगवारी दीनदयाल यादव ने इस किसान स्कूल को भारत में अपने तरह का पहला स्कूल होने का दावा किया। उन्होंने बताया कि किसानों ने आपस में मिलकर शासन-प्रशासन के सहयोग से कृषि प्रधान जिला के जैविक कृषि ग्राम बहेराडीह में एक छोटा सा किसान स्कूल खोला गया है, जहां पर भारत के किसी भी राज्य के किसान को अनुभवी और नवाचारी प्रगतिशील किसानों से कृषि क्षेत्र में 18 अलग-अलग विषयों पर जानकारी हासिल हो सकेगी।

प्रैक्टिकल के लिए अलग-अलग स्पॉट

शासन-प्रशासन के साहहयोग से यहां 25 अलग अलग प्रेक्टिकल स्पॉट बनाये गये हैं। इस किसान स्कूल की स्थापना में किसानों को कृषि विभाग समेत उद्यान विभाग, पशुधन विकास विभाग, क्रेडा विभाग, पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग तथा इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय का सहयोग मिला है।

22 मई को छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत इस किसान स्कूल का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी करते हुए किसानों ने किसान स्कूल को धान की बालियों से निर्मित झूमर से सजा रहे हैं। इसके साथ ही किसानों ने विलुप्त चीजों को संरक्षित कर संग्रहालय के रूप में विकसित भी किया है।

इस स्कूल की खास बात यह है कि किसानों को खेती-किसानी के एक एक पहलु के बारे में किसान ही जानकारी उपलब्ध कराएँगे। किसानों को कृषि क्षेत्र में जानकारी देने वाले यहाँ के किसान तथा किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव और उनकी टीम कृषि क्षेत्र में कई प्रकार के नवाचार का काम करके राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है। कृषि के क्षेत्र में देश-विदेश में पहचान बनाने वाले बहेराडीह गाँव के किसान फिलहाल किसान स्कूल के लोकार्पण की भव्य तैयारी में जुटे हुए हैं।

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