TRP DESK। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच लोंगेवाला में अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले, अपने पराक्रम से पाकिस्तानी सेना के मनोबल को नेस्तनाबूद कर भारत को निर्णायक विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्नल धर्मवीर का आज निधन हो गया। कर्नल धर्मवीर हरियाणा के गुड़गांव क्षेत्र से थे और उन्होंने सेना में पंजाब रेजिमेंट को ज्वाइन किया था।

1971 के युद्ध में जब भारत तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) को आजाद कराने के लिए अपना सहयोग बांग्लादेश की तरफ से कर रहा था। तब भारत पर पाकिस्तान ने लोंगेवाला बॉर्डर के रास्ते हमला कर दिया था। पाकिस्तान की भारी भरकम सेना जिनमें हजारों की संख्या में सैनिक टैंक और कई नवीन हथियार थे। वहीं इनका सामना करने के लिए लगभग 100 से 150 सैनिक कर्नल धर्मवीर के साथ मौजूद थे। इसके बावजूद भारतीय सेना और कर्नल धर्मवीर के पराक्रम के आगे पाकिस्तानी सेना को घुटने टेकने पड़े थे।

अदम्य पराक्रम के लिए मिला था मेंशन इन डिस्पैच सम्मान

संख्या में पाकिस्तानी सेना से कम होने के बाद भी कर्नल धर्मवीर के पराक्रम और जोश के आगे पाकिस्तानी सेना ने हार मान ली थी। कर्नल धर्मवीर को उनके बहादुरी के लिए मेंशन इन डिस्पैच सम्मान से भी से भी सम्मानित किया गया था। कर्नल धर्मवीर के इस अटूट पराक्रम ने आने वाली कई पीढ़ी को देश के लिए सेवा करने की प्रेरणा दी। आज भी युवा पीढ़ी कर्नल धर्मवीर को अपना आदर्श मानता हैं।

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