मथुरा। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi mosque dispute) के बाद अब (birthplace of Shri Krishna) श्रीकृष्ण जन्मस्थान और (demand for removal of Mathura, Idgah mosque) शाही ईदगाह प्रकरण तूल पकड़ने लगा है। इसे लेकर मथुरा की अदालत में एक और दावा पेश किया गया है।

यह दावा लॉ की सात छात्राओं और चार अधिवक्ताओं ने मिलकर पेश किया है। इस पर अदालत ने वादी पक्ष से साक्ष्य मांगे। 25 मई को फिर सुनवाई होगी। इधर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेन्द्र प्रताप सिंह ने अदालत से ईदगाह को सील करने की मांग की है। इस पर एक जुलाई को सुनवाई होगी।

वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण पर एक और दावा पेश किया गया है। यह दावा विधि छात्रा उपासना सिंह, अनुष्का सिंह, नीलम सिंह साधना सिंह, अंकिता सिंह, डॉ. शंकुतला मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय), दिव्या निरंजन (आईसीएएफएआई देहरादून) के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के अधिवक्ता अंकित तिवारी एडवोकेट, वरुण कुमार मिश्रा, शैलेंद्र सिंह, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजन कमार रॉय ने किया है।
अदालत ने मांगे साक्ष्य
विधि छात्राओं और अधिवक्ताओं ने मिलकर सीपीसी के सेक्शन 92 को आधार मानते हुए दावा पेश किया है। जिला जज राजीव भारती की अदालत से यह मुकदमा सुनवाई के लिए एडीजे-8 की अदालत में पहुंचा। न्यायाधीश ने प्रार्थना पर सुनवाई की और जमीन के मालिकाना हक संबंधी कागजात मांगे।
अदालत ने सभी को जमीन के मालिकाना हक के कागजात पेश करने के लिए 25 मई की तारीख तय की है। अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सेक्शन 92 में वाद को पेश किया है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सफलता मिलेगी।