Operation Rahul Update: Innocent is safe in the hospital, took break fast in the morning, apart from mild fever, Rahul is behaving normally
Operation Rahul Update: Innocent is safe in the hospital, took break fast in the morning, apart from mild fever, Rahul is behaving normally

बिलासपुर/रायपुर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के पिपरीद में खुले बोरबेल में गिरे 10 साल के राहुल साहू को मंगलवार रात आखिरकार 105 से भी ज्यादा घंटों की मशक्कत के बाद सुरक्षित बचा लिया गया। सुरक्षित रेस्क्यू के बाद उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर रात ही में बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार राहुल की हालत अब ठीक है,वो सामान्य है। सुबह अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने उसे ब्रेकफास्ट दिया गया। बताया जा रहा है कि राहुल को हल्का बुखार है दिल की धड़कनें सामान्य है। उसे अभी कुछ और दिन डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा।

बता दें कि रेस्क्यू स्थल पर मेडिकल स्टाफ पूरी तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर रखा गया था। ऑक्सीजन, मास्क के साथ स्ट्रेचर की पहले ही व्यवस्था कर ली गई थी। सरकार की कोशिश थी कि जब भी राहुल बाहर निकाले उसे स्वास्थ्य जांच करते हुए एम्बुलेंस में ही सम्पूर्ण चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए अपोलो अस्पताल बिलासपुर तक सुरक्षित पंहुचाया जाए। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर का भी निर्माण किया गया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मासूम राहुल के रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पर जिला कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला एवं पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल समेत विभिन्न विभागों के 500 से अधिक अधिकारियों की टीम मौजूद रही। साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में अत्याधुनिक मशीनों और वाहनों का इस्तेमाल किया गया।

गौरतलब है कि बीते 10 जून को खेलते वक्त 11 वर्षीय राहुल घर के पास ही खुदे बोरवेल के गड्ढे में जा गिरा। इसकी जानकारी परिजनों को लगभग तीन घंटे बाद मिली, फिर प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक पूरे दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए।

बता दें कि 80 फीट गहराई वाले बोरवेल में राहुल 60 फीट पर फंसा हुआ था। जिला प्रशासन ने बचाव कार्य के लिए तत्काल कार्यवाही आरंभ कर दी। वहीं मासूम राहुल के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के साथ सेना की भी मदद ली गई। मासूम राहुल की सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार अधिकारियों व परिजनों के संपर्क में रहे।

राहुल को बचाने लगातार काम करता रहा पूरा अमला


राहुल साहू के रेस्क्यू के लिए घटनास्थल पर 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 4 एसडीओपी, 5 तहसीलदार, 8 टीआई व 120 पुलिसकर्मियों के साथ ईई (पीडब्ल्यूडी), ईई (पीएचई), सीएमएचओ, 1 सहायक खनिज अधिकारी, एनडीआरएफ के 32 अधिकारी-कर्मचारी, एसडीआरएफ से 15 अधिकारी-कर्मचारी, होमगार्ड्स मौके पर मौजूद रहे। वहीं भारतीय सेना से मेजर गौतम सूरी के साथ 4 सदस्यीय टीम भी घटनास्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्यवाही की।

इन मशीनों का किया गया उपयोग


11 वर्षीय राहुल साहू को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए बोरवेल के पास ही सुरंग खोदी गई। इसके लिए 1 स्टोन ब्रेकर, 3 पोकलेन, 3 जेसीबी, 3 हाइवा, 10 ट्रैक्टर, 3 वाटर टैंकर, 2 डीजल टैंकर, 1 हाइड्रा, 1 फायर ब्रिगेड, 1 ट्रांसपोर्टिंग ट्रेलर, 3 पिकअप, 1 होरिजेंटल ट्रंक मेकर और 2 जनरेटर का इस्तेमाल किया गया। 2 एम्बुलेंस वाहन भी मौके पर मौजूद रहे। साथ ही रोबोटिक हैंड को भी उपयोग में लाया गया।