
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम में करोड़ों के हाइब्रीड बीज खरीदी घोटाले की विधानसभा की समिति द्वारा जांच आज से शुरू हो गई। यहां इस घोटाले के संबंध में निगम का पक्ष रखने पहुंचे अफसर आधी-अधूरी जानकारी के साथ आए। इससे नाराज समिति के प्रमुख धनेंद्र साहू ने अगली बैठक में पूरी जानकारी लेकर आने को कहा।

क्या है मामला…
छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा त्रिमूर्ति प्लांट साइंस फर्म को 2019-20 में हाईब्रिड मक्का बीज और हाईब्रिड वेजीटेबल सीड के क्रय आदेश जारी किए गए थे। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को ब्लैकलिस्टेड किये जाने के बाद कंपनी की राशि राजसात करने और भुगतान रोकने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद भी कंपनी को 2 करोड़ 61 लाख की बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया।
विधानसभा में हुआ हंगामा तब…
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को भुगतान का मामला विधानसभा में उठा, और विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की जांच कमेटी बनाई गई। साल 2022 के बजट सत्र में यह मामला फिर उठा। इस बार कृषि मंत्री ने इसे गलती बताया। विपक्ष ने विधानसभा की समिति से जांच की मांग की। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इसे स्वीकार कर लिया। इसके आधार पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा की समिति ने जांच कराने की घोषणा कर दी।
जांच समिति की हुई बैठक
हाइब्रीड बीज खरीदी घोटाले की जांच के लिए आज विधायकों की कमेटी ने विधानसभा में बैठक की। इसमें समिति के कुछ ही सदस्य पहुंचे। बता दें कि विधायकों की जांच समिति कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू की अध्यक्षता में गठित की गई है और इसमें लखेश्वर बघेल,संगीता सिन्हा, नारायण चंदेल और सौरभ सिंह को शामिल किया गया है।
समिति की आज हुई बैठक के दौरान बीज निगम के अधिकारी बीज खरीदी से संबंधित दस्तावेज लेकर पहुंचे और वह भी आधी-अधूरी जानकारी के साथ। इस बात को लेकर समिति के अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने नाराजगी जताई। उन्होंने अगली बैठक में समस्त दस्तावेजों के साथ आने का निर्देश दिया। आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले से जुड़े लोगों को बचाने की नियत से अधिकारी को आधी-अधूरी जानकारी के साथ समिति के पास भेज दिया गया, मगर समिति के अध्यक्ष के तेवर देखकर बीज निगम के अधिकारियों के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक है।
दरअसल बीज निगम में रोक के बावजूद त्रिमूर्ति को करोड़ों का किया गया भुगतान अब यहां के जिम्मेदार अधिकारियों और मंडल में पदाधिकारियों के गले की हड्डी बन गया है। इस मामले की जांच विधायकों की समिति कर रही है, जिसमे सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस पूरे घोटाले के जिम्मेदार लोगों के नाम जल्द ही उजागर होंगे।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…