बिना टेक्नीशियन के चल रहा था एक्स-रे और पैथोलॉजी लैब
बिना टेक्नीशियन के चल रहा था एक्स-रे और पैथोलॉजी लैब

देवभोग (गरियाबंद)। यहां के देवमाता अस्पताल पर लगे आरोपों की जांच करने पहुंची चिकित्सकों की टीम ने एक्सरे व पैथोलॉजी कक्ष को सील कर दिया। अन्य बिंदुओं पर भी जांच जारी है।

देवभोग में संचालित देवमाता हास्पिटल के विरूद्ध ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भूपेंद्र मांझी ने 8 बिंदुओं में लिखित शिकायत की थी। जिसके बाद सीएमएचओ एन आर नवरत्न के निर्देश पर जिले से चिकित्सकों का एक दल देवभोग में संचालित देवमाता हॉस्पिटल की जांच करने पहुंचा। टीम में शामिल चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अमन हुमने, डॉक्टर बी बारा, डॉक्टर हरिश्चन्द्र चौहान के अलावा ब्लॉक से बीएमओ अंजू सोनवानी, नायब तहसीलदार अभिषेक अग्रवाल ने आरोपो की बिंदुवार जांच शुरू की।

रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं कर सका संचालक

बीएमओ ने बताया कि जांच के दौरान संचालक द्वारा अस्पताल में चलाये जा रहे एक्सरे व पैथलॉजी लैब में मरीजों के जांच का कोई रिकार्ड नही दिखाया गया। इन्हें ऑपरेट करने वाले रेडियोलॉजिस्ट व पैथोलोजिस्ट के नाम तक नही बताया जा सका, किनकी नियुक्ति की गई है, इसका भी रिकार्ड नही था, संचालक द्वारा इस सम्बंध में संतोष जनक जवाब नही दिए जाने के कारण जांच दल ने पैथोलॉजी व एक्सरे कक्ष को सील कर दिया गया। शिकायत के मुताबिक अस्पताल में एक मात्र चिकित्सक(एमबीबीएस) डॉक्टर संजय चौधरी की नियुक्ति दर्शाई गई है लेकिन सारी जांच डॉक्टर बेनर्जी के द्वारा ही की जाती है।

बगैर सुविधा के ऑपरेशन और सर्जरी का प्रचार

डॉक्टर अमन हुमने ने बताया कि हॉस्पिटल पर लगाए गए अन्य आरोपों की भी जांच बिंदुबार की गई है, बगैर सुविधा के अपने अस्पताल की पर्ची में ऑपरेशन व सर्जरी से जुड़े प्रचार किया गया है, जिसका भी जवाब मांगा गया है। इसके बाद संयुक्त प्रतिवेदन सीएमएचओ को सौंपा जाएगा।

डायरेक्टर दयाराम बंजारे डॉ. बेनर्जी कैसे बन गया..?

इस शिकायत का महत्वपूर्ण बिंदु ये है कि देवमाता हास्पिटल के डायरेक्टर दयाराम बंजारे जो कि ग्राम -तुलसी, ब्लॉक नवागढ़, जिला जांजगीर का निवासी है। वह कैसे डॉक्टर दयाराम बेनर्जी बन गया, इसकी सही तरीके से जांच करने की मांग भी शिकायतकर्ता ने की है। इसी तरह यहां बगैर विशेषज्ञ चिकित्सक के प्रसव, एपेंडिक्स, हर्निया, पिस्टूला, हाईड्रोसील, ट्यूमर एवं पाइल्स जैसे हाई रिस्क लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जा रही है, इतना ही नहीं बगैर एक्सपर्ट सर्जन के इसे करने की अनुमति दी गई है या नहीं इसकी जांच की जानी चाहिए।

आरोप के मुताबिक अस्पताल में भर्ती किये गए कर्मी भी बगैर किसी नर्सिंग कोर्स के है, यहां कम क़ीमत पर स्टॉफ रखकर संचालक द्वारा मरीजों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं ड्रग इस्पेक्टर द्वारा नियम ताक पर रखकर देव माता अस्पताल में मेडिकल स्टोर संचालन की अनुमति दे दी गई है, इतना ही नहीं मरीजों को मजबूर भी किया जा रहा है कि दवाई भी इसी मेडिकल से ही खरीदा जाये।

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