न्यायालयों में कैदियों व डॉक्टरों का बयान वीडियो कांफ्रेंस
न्यायालयों में कैदियों व डॉक्टरों का बयान वीडियो कांफ्रेंस

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की अदालतों में वीडियो कांफ्रेस के जरिये सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। बिलासपुर में इसका ट्रायल चल रहा है। 15 जुलाई से जिला कोर्ट में यह व्यवस्था शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि कोविड काल के समय से हाईकोर्ट सहित प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही थी। अब इस सुविधा का उपयोग कैदियों, बंदियों और डॉक्टरों का बयान दर्ज करने का निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट कमेटी के चेयरमैन जस्टिस पी. सैम कोशी के निर्देश पर बिलासपुर जिला कोर्ट में इसकी तैयारी अंतिम चरण है। कैदियों का वीडियो कांफ्रेंस से बयान दर्ज होने पर न केवल समय की बचत होगी, बल्कि कोर्ट लाने के दौरान सुरक्षा बल की व्यवस्था में आने वाला खर्च भी बचेगा। इसके अलावा कोर्ट आने-जाने के दौरान कैदियों के अन्य अपराधियों के संपर्क में आने की आशंका भी नहीं रहेगी।

डॉक्टरों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। पहले उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए बार-बार कोर्ट आने की जरूरत पड़ती थी। अब वे अपनी ड्यूटी के दौरान कोर्ट द्वारा निर्धारित किए जाने वाले समय पर वीडियो कांफ्रेंस से बयान दर्ज करा सकेंगे। बताया जा रहा है कि प्रारंभ में कुछ सीमित मामले ही वीडियो कांफ्रेंस के तहत सुने जाएंगे, बाद में इनकी संख्या लगातार बढ़ाकर 100 फीसदी बयान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लिया जाएगा। प्रदेश के सभी अदालतों में धीरे-धीरे यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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