निर्वाचित महिलाओं के स्थान पर पतियों ने ले ली शपथ

भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संपन्न होने के बाद निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की बजाय उनके पतियों द्वारा शपथ लिए जाने की खबरों ने देशभर में सुर्खियां बटोरीं। इस तरह के मामलों में किरकिरी होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने आदेश जारी किया है कि चुनाव में जो भी प्रत्याशी विजयी हुए हैं वे ही पंचायत सम्बन्धी कार्य सम्पादित करेंगे।

यहां तो जनपद CEO ने ही शपथ दिला दी

मामला मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर विकासखण्ड मुख्यालय का है जहां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित हुए नवनिर्वाचित जनपद अध्यक्ष और सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह था,
बता दें कि विजयपुर जनपद क्षेत्र के 25 वार्डों से 13 वार्डो पर महिला जनपद सदस्य चुनाव जीतकर आई हैं, लेकिन इस शपथ ग्रहण समारोह में एक भी महिला सदस्य शामिल नहीं हुई। सिर्फ पुरुष जनप्रतिनिधि और महिला प्रतिनिधियों के पति ही शामिल हुए।

खास बात यह रही कि शपथ ग्रहण समारोह में विजयपुर एसडीएम नीरज शर्मा और जनपद सीईओ बलवीर सिंह कुशवाहा भी शामिल हुए, जो सब कुछ देखते हुए भी खामोश रहे। महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पतियों को शपथ दिला कर शासन के नियमों को ही भूल गए।

महिलाओं की जगह पति परमेश्वर ने ली शपथ

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में महिलाएं चुनाव जीतकर पंच-सरपंच बनीं, लेकिन जब शपथ लेने की बारी आई तो उनके पति कार्यक्रम में पहुंच गए और शपथ ले ली। यहां के गैसाबाद ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति वर्ग से ललिता अहिरवार सरपंच निर्वाचित हुई हैं। इनकी जगह पति विनोद अहिरवार ने शपथ ली है। 11 महिला पंच भी निर्वाचित हुई हैं। इन महिलाओं की जगह उनके पतियों ने ही शपथ ले ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में एक भी निर्वाचित महिला नहीं पहुंची और इस इस पंचायत के सचिव धुन सिंह धुन सिंह ने इनके मर्दों को शपथ दिला दी। ऐसा ही प्रदेश के कई जनपद और ग्राम पंचायतों में हुआ है।

शासन के परिपत्र को लेकर दिशा-निर्देश जारी

मध्यप्रदेश में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों की दबंगई को देखते हुए पंचायतों के जिम्मेदार अधिकारी अब शासन द्वारा पूर्व में इस संबंध में जारी आदेश का उल्लेख करते हुए पात्र जारी किया है। पात्र का मजमून इस प्रकार है। मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 729/178/ 2015/22/पं_2/भोपाल दिनांक 23.7. 2015 के अनुसार लेख किया गया है कि पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के साथ उनके परिजन या रिश्तेदार आदि की उपस्थिति का वर्जन के संबंध में प्राप्त संदर्भित शासन के निर्देश के प्रति संलग्न है ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला सरपंच एवं पंच की ही उपस्थिति सम्मेलन या समिति बैठको में यह सुनिश्चित किया जावे कि महिला प्रतिनिधियों के साथ उनके पति/पिता/भाई/पुत्र/पुत्री या अन्य रिश्तेदार उपस्थित होते हैं एवं बैठक की कार्यवाही की संचालन में हस्तक्षेप करते हैं तो उनका यह आचरण मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वरोजगार अधिनियम 1993 एवं उनके समस्त नियम के अनुरूप नहीं है

शासन के निर्देशों के पश्चात इसका कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई है कि इस बीच किसी प्रकार की शिकायतें व स्थिति निर्मित ना हो अन्यथा वैधानिक कार्यवाही के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होगे। देखें एक CEO द्वारा जारी पत्र की प्रति :

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