बिलासपुर। अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर आज से शुरू हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का दफ्तरों में आंशिक असर नजर आया। जिले में अधिकांश दफ्तर खुले रहे, हालांकि इनमें कर्मचारियों की संख्या कम रही। कई संगठनों ने आंदोलन से अलग रहने का निर्णय लिया है यही वजह है कि जुलाई माह के पांच दिन की हड़ताल में जिस तरह का सूनापन दफ्तरों में छाया था, इस बार नहीं है।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ओर से केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग को लेकर बीते महीने पांच दिन की हड़ताल की गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों के कुछ प्रतिनिधियों से चर्चा की थी और महंगाई भत्ता 6 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की थी। इधर 38 अधिकारी, कर्मचारी संगठनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए आंदोलन से दूर रहने की बात की है। इसके चलते कर्मचारियों, अधिकारियों में भ्रम की स्थिति है। ऐसा ही नजारा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी देखने को मिला।

आज दोपहर तक कलेक्ट्रेट और कंपोजिट बिल्डिंग स्थित अनेक दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति देखी गई। जिला पंचायत, जिला कोर्ट, स्वास्थ्य विभाग आदि में भी कर्मचारियों को कामकाज करते देखा गया। लिपिक वर्ग कर्मचारी आंदोलन में शामिल नहीं है। उनकी उपस्थिति दफ्तरों में है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने आंदोलन से अलग रहने का निर्णय लिया है, जबकि सहायक शिक्षक वेतन विसंगति की मांग को शामिल करते हुए इसमें शामिल हैं।

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