सीएम सोरेन

0 छत्तीसगढ़ से भी जुड़े तार, झारखण्ड में सियासी बवाल, माइंस, शेल कंपनियों के अलावा शराब लॉबी से सांठगांठ का आरोप

विशेष संवादाता
रायपुर।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सियासत मुश्किलों में है। चुनाव आयोग और सर्वोच्च न्यायलय ने भी संज्ञान लिया है। अब आरोप है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा ली थी। सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में इन्वेस्ट कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने भी सुनवाई की थी। दोनों ने जनप्रतिनिधि अधिनियम-1951 की धारा 9A के तहत लाभ का पद से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर सुनवाई की।

जानकारी के मुताबिक पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ,जनहित याचिका दायर कर चुनाव आयोग को भी कार्यवाही के लिए विवश कर दिया है। वहीं अब सुप्रीमकोर्ट से झारखण्ड के सीएम के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ाने की अपील होगी। इसके बाद से ही झारखण्ड के सीएम पर शराब कारोबारियों से लाभ कमाने का आरोप भी है। बता दें कि छत्तीसगढ़-झारखण्ड के बीच की लॉबी भी काम कर रही थी जिसकी जांच CBI और ED की नज़र में लाये जाने की अपील आरटीआई और पत्रकार शिव शर्मा ने की है। शिव शर्मा ही मुख्यमंत्री झारखण्ड हेमंत सोरेन के खिलाफ निर्वाचन आयोग से लेकर न्यायलय तक अपील करते रहे हैं।

राज्यपाल बैस लेंगे फैसला

राज्यपाल रमेश बैस का इंतजार हो रहा है| देर शाम तक स्पष्ट हो पायेगा कि सोरेन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहेंगे या उनसे ले ली जाएगी। इस निर्णय के बाद से ही झारखण्ड में सियासी सरगर्मी तेज़ हो गई है। माना जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और सोरेन समर्थक दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं। आयोग से लेकर कोर्ट तक नामचीन वकील भी पद और अन्य व्यावहारिक दिक्कतों से हेमंत सोरेन को महफूज़ करने की कवायद में लगे हुए हैं।

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