Bilaspur High Court, Chhattisgarh, Chhattisgarh News,

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि किसी भी बात पर पति को प्रताड़ित करना, सार्वजनिक रूप से पति के साथ दुर्व्यवहार करते हुए अपमानित करने की अनुमति स्वस्थ्य समाज नहीं देता है। इसे पत्नि द्वारा पति के खिलाफ क्रूरता की श्रेणी में रखा जाना चाहिए।

इसे आधार मानते हुए डिवीजन बेंच ने पविार न्यायालय के फैसले को यथावत रखते हुए पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है। निचली अदालत ने पति को इसी आधार पर तलाक की अनुमति दे दी थी। पत्नी ने अपने वकील के जरिए निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।

पत्नी की याचिका पर जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पत्नी ने परिवार न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि प्रताड़ना की बातें सही नहीं है।

डिवीजन बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी का पति के कार्यालय में जाना और सार्वजनिक रूप से ऑफिस स्टाफ के बीचअभद्र भाषा का प्रयोग करना जिससे मानहानि हो उचित नहीं है। पत्नी ने कार्यालय जाकर सार्वजनिक रूप से अपमानित और प्रताड़ित किया है। कार्यालय की कुछ महिलाओं के साथ अनैतिक संबंध का भी आरोप लगाती हैं। कोर्ट ने इसे अनुचित के साथ ही क्रूरता की श्रेणी में मानते हुए पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है।

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