नई दिल्ली। केंद्र सरकार के निर्देश पर शराब नीति के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना समेत महाराष्ट्र में ईडी के अधिकारियों का तलाशी अभियान जारी है। दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति सवालों के घेरे में है। भाजपा ने इसको लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर घोटाले का आरोप लगाया है। इसको लेकर सीबीआई पहले ही मनीष सिसोदिया के घर व बैंक लॉकर की तलाशी ले चुकी है। अब इस मामले में ईडी ने कार्रवाई की है। ईडी ने सीबीआई से मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।

30 स्थानों पर चल रही छापेमारी

ईडी के अधिकारियों ने बताया, आबकारी नीति में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पांच राज्यों की 30 लोकेशन पर तलाशी अभियान जारी है। अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी मामले में नामजद लोगों पर की जा रही है। इसमें मनीष सिसोदिया या अन्य किसी सरकारी कर्मचारी से जुडे परिसरों में ईडी के अधिकारी नहीं पहुंचे हैं। दरअसल, ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत मामले में जांच शुरू की है, जिसमें सिसोदिया और 14 अन्य का नाम है। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि क्या पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताएं की गई थीं।

यह है मामला

दरअसल एलजी ने दिल्ली के सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। 8 जुलाई को यह रिपोर्ट भेजी गई थी। जिसमें पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति पर सवाल उठाए गए थे। जिसमें आबकारी नीति (2021-22) बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरतने के साथ ही नियमों की अनदेखी और नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के आरोप हैं। इसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद लाभ पहुंचाना भी शामिल है। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया कि शराब बेचने की वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की है।

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