घोटालेबाज BEO को किया गया निलंबित

गरियाबंद। जिले के देवभोग विकासखंड में लंबे समय से पदस्थ BEO प्रदीप कुमार शर्मा को आखिरकार निलंबित कर दिया गया है। बीईओ पर आर्थिक गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे, जो जांच में सही पाए गए।

लाखों रुपयों की हेराफेरी हुई उजागर

देवभोग के BEO प्रदीप शर्मा को जारी निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि 5/ 6/ 2012 से सभी सरकारी कार्यालयों में ई पेमेंट प्रणाली शुरू की गई है, जिसके मुताबिक सभी डीडीओ के पदनाम पर बैंक खाता होना जरूरी है, लेकिन देवभोग में बीईओ के नाम से बैंक खाता संचालित है। लिहाजा कुल 60 कर्मचारियों से वसूल की गयी राशि सीधे राज्य की लोक निधि में भुगतान नहीं करते हुए 65 लाख 82 हजार 534 रु. और उससे मिली ब्याज की राशि 14 लाख 33 हजार 543 रूपये को अपने स्तर से बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लिये बगैर ही खर्च कर दिया गया।

ब्याज राशि खर्च करने का कोई भी हिसाब नहीं

BEO प्रदीप शर्मा ने ब्याज की राशि को किस मद में और कहां-कहां खर्च किया, इसकी की भी कोई जानकारी दस्तावेज में उपलब्ध नहीं है। शिक्षकों से अभी भी कुल राशि में 5,32,258/- की वसूली बाकी है। बीईओ ने वसूली का भी जो तरीका अपनाया है, वो नियमानुसार नहीं है। इसके अलावा जनपद पंचायत देवभोग को अंतरित राशि 28 लाख रु. को ले कर भी कोई औचित्यपूर्ण जानकारी नहीं है, और सन 2013 से कोई भी ऑडिट नहीं कराया गया है। इस तरह BEO प्रदीप शर्मा के कार्यकाल में भारी अनियमितता सामने आयी है।

बीईओ के खिलाफ शिकायत की विभागीय जांच के दौरान अधिकांश आरोप सही पाये जाने के बाद देवभोग के विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार को शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। प्रदीप कुमार को शर्मा को जेडी कार्यालय रायपुर में अटैच किया गया है। बता दें कि प्रदीप शर्मा देवभोग में BEO के पद पर लगभग 10 वर्षों से टिके रहे और इस दौरान वित्तीय अनियमितताओं की तमाम शिकायतों के बावजूद विभाग में अपनी रसूख की बदौलत वे एक ही जगह टिके रहे। पुख्ता जांच के बाद अब जाकर उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।


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