एडिशनल डीएमई रहे डॉ. वर्मा खरीदी समेत कई मामलों में मिले दोषी, डीएमई ने शासन से कार्रवाई की अनुशंसा की, बोले डॉ. वर्मा- जांच एकतरफा, मुझे फंसाया जा रहा

रायपुर। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त संचालक डॉ. निर्मल वर्मा खरीदी समेत 4 मामलों में दोषी पाए गए हैं। तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद डीएमई डॉ. विष्णु दत्त ने शासन को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है।

डॉ. वर्मा वर्तमान में नेहरू मेडिकल कॉलेज में एचओडी पीएसएम है। शिकायतों के बाद हुई जांच में 2.65 करोड़ की लैब सामग्री व उपकरण खरीदी में क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया। केवल कोटेशन के आधार पर ये खरीदी की गई। जबकि प्रशासकीय अनुमोदन लिया जाना था, जो नहीं लिया गया। कमेटी ने इसे वित्तीय शक्तियों की सीमा का उल्लंघन बताया है। तब डॉ. वर्मा डीडीओ थे और चेक पर साइन करते थे।

कोटेशन पर खरीदी छग भंडार क्रय नियमों के खिलाफ है। डॉ. वर्मा ने छग नर्सेस काउंसिल में 7.30 लाख रुपए का फर्नीचर व कंप्यूटर की खरीदी की। जबकि उन्हें यह अधिकार ही नहीं था। यही नहीं भारती कॉलेज दुर्ग बीएससी नर्सिंग की 40 सीटें देने की अनुशंसा की गई। जबकि तब अस्पताल के कुछ हिस्सों का मंेटेनेंस किया जा रहा था। अस्पताल चालू हालत में नहीं था।

इसके बाद भी सीट मान्यता देने की अनुशंसा की गई। यही नहीं लीगल प्रकरणों में प्रभारी अधिकारी के रूप में फर्जी फोटो कॉपी बिल लगाकर भुगतान किया है। इस पर कमेटी ने कहा कि मां अष्टभुजी कापियर्स ने लिखित में बयान दिया है कि उनके यहां फोटो कॉपी नहीं की गई। बिल प्रथम दृष्टया सही नहीं है।

सीआर भी गलत लिखा

कमेटी ने जांच में ये पाया कि डॉ. आशीष सिन्हा का सीआर जानबूझकर प्रतिकूल टिप्पणी की। 2019 व 2020 में अंकित की गई प्रतिकूल टिप्पणी में डॉ. वर्मा ने शासन के आदेशों का पालन नहीं किया।

आपदा प्रबंधन क्रय नियमों को ध्यान में रखते हुए हुई खरीदी

मैं अभी छुट्टी पर चल रहा हूं। वापस आते ही अपना पूरा पक्ष शासन के सामने रखुंगा। यह पूरी जांच एक तरफा है। मुझे इस मामले में फंसाया जा रहा है। पहले ही दो दफे जांच में सारी बातें साफ हो चुकी हैं। अब लोवर रैंक के अधिकारी जांच रिपोर्ट को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। कोरोना काल में आपदा प्रबंधन क्रय नियमों को ध्यान में रखते हुए पूरी खरीदी की गई है।

डॉ. निर्मल वर्मा
तत्कालीन अतिरिक्त संचालक, चिकित्सा शिक्षा विभाग

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू और वॉट्सएप, पर