टना।  बिहार सरकार द्वारा बड़े फैसले लेकर प्रदेश भर में शराब बंदी की गई है। शराबबंदी के बावजूद भी यहां अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में अवैध शराब की तस्करी की जा रही है। बिहार के पड़ोसी राज्यों से शराब के अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर शराब के अवैध तस्करी करने वालों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है।

पटना जिले में शराब को लेकर एक अप्रैल 2016 से 10 सितंबर 2022 तक 1.80 लाख छापेमारी की गयी और 61 हजार 520 अभियोग दर्ज किये गये।  साथ ही 86 हजार 32 लोगों को गिरफ्तार किया गया ।  केवल सितंबर माह में एक हजार 398 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसमें उत्पाद विभाग द्वारा 706 व पुलिस विभाग द्वारा 692 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।


खास बात यह है कि छापेमारी के बाद 16 लाख 33 हजार 852 लीटर शराब जब्त की गयी ।  डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मद्यनिषेध और उत्पाद मामलों की समीक्षा की, तो उक्त बातों की जानकारी मिली ।  इस दौरान डीएम ने बरामद शराब को तेजी से नष्ट करने का निर्देश दिया है ।  समीक्षा के दौरान बात भी सामने आयी है कि जिला के विभिन्न न्यायालयों में चार हजार 110 प्रस्तावित उत्पाद अधिहरण वादों के विरूद्ध तीन हजार 356 वादों का निबटारा कर दिया गया है, जो प्रस्तावित अधिहरण वादों का 82 फीसदी है. दो हजार 842 वाहनों को जब्त किया जा चुका है ।


बिहार में 6 साल से लागू है पूर्ण शराबबंदी
बिहार में पिछले छह साल से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इस साल अप्रैल में नीतीश कुमार की सरकार ने शराबबंदी कानून में संशोधन किया था. संशोधन के बाद भारी संख्या में लोग जुर्माना देकर रिहा हुए हैं ।  बिहार में पिछले छह साल से अधिक समय से शराबबंदी लागू है, लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के कई जिलों में अभी भी शराब का व्यापार, परिवहन और सेवन जारी है ।  आंकड़ों के अनुसार, बिहार पुलिस ने इस साल से लेकर 10 सितंबर 2022 तक 1.80 लाख छापेमारी की गयी और 61 हजार 520 अभियोग दर्ज किये गये. साथ ही 86 हजार 32 लोगों को गिरफ्तार किया. जबकि कुल 16 लाख 33 हजार 852 लीटर शराब जब्त की गयी ।