नई दिल्ली । बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन से जुड़े घोटाले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिली जमानत को चुनौती देते हुए दिल्ली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राउज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने मामले में तेजस्वी यादव से जवाब मांगने वाली सीबीआई की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

आरजेडी नेता और उनकी मां राबड़ी देवी को 2018 में इस मामले में जमानत दी गई थी। अब सीबीआई ने इस मामले में तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की मांग की है। सीबीआई का कहना है कि तेजस्वी यादव जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में अगर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली और जमानत याचिका रद्द कर दी तो तेजस्वी यादव को जेल जाना पड़ सकता है।


केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रभावित हुआ। मामला 2006 का है जब लालू प्रसाद यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे। ये आरोप लगाया गया था कि, एक निजी कंपनी को आईआरसीटीसी के दो होटल का परिचालन अनुबंध देने में कथित अनियमितताएं की गई। रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटल मामले में शामिल थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि, आईआरसीटीसी मामले में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।


सीबीआई ने 24 अगस्त को पटना, कटिहार, मधुबनी, वैशाली और सीतामढ़ी जिलों में राजद नेताओं के ठिकानों पर कई छापे मारे थे। इसके अलावा, गुरुग्राम में अर्बन क्यूब्स मॉल में भी छापा मारा गया। टीम को शक था कि, तेजस्वी ने इस में निवेश किया था। छापेमारी के बाद, तेजस्वी यादव को कथित तौर पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह कहते हुए सुना गया था कि, सीबीआई अधिकारियों के पास मां और बच्चे नहीं हैं, क्या उनका कोई परिवार नहीं है, क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे, क्या वे सेवानिवृत्त नहीं होंगे, आप क्या संदेश देना चाहते हैं, आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।

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