नई दिल्ली। आधुनिक जीवनशैली और वाहनों पर आधारित भागदौड़भरी जिंगदी के कारण वायु प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और इसका प्रतिकूल असर दुनियाभर भर में लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी विशाल चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली रैंडोनर्स ने एक बड़ी साइकिल यात्रा को पूरा किया है । इस यात्रा का मकसद सस्ते और टिकाऊ साधन (वाहन) के रूप में साइकिल के महत्व को सामने लाना था. इस यात्रा को दिल्ली रैंडोनर्स ने रोटरी क्लब ऑफ कोलकाता के सहयोग से अंजाम दिया।

दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज से शुरू होकर ये साइकिल यात्रा कोलकाता के हावड़ा ब्रिज पहुंची. ये यात्रा भारत की सबसे बड़ी साइकिल यात्राओं में से एक है, जो 15 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली से शुरू हुई थी और मथुरा, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, औरंगाबाद, वाराणसी, धनबाद, दुर्गापुर जैसे शहरों से होते हुए 4 रात 5 दिन में कोलकाता पहुंची ।  इस दौरान साइकिल यात्रियों ने 1480 किमी. की दूरी तय की ।


दिल्ली से निकले ये साइकिल यात्री 19 अक्टूबर को कोलकाता पहुंचे
 इन सभी का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज वैश्विक दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है. केवल पर्यावरण के मुद्दों पर बातचीत और वनों को लगाना ही इस खतरे को रोक सकता है ।  संजीव रतन, डॉ. पवन ढींगरा, बलराज सिंह चौहान, मुनीत पुरी, विशाल लालोत्रा, प्रियरंजन शर्मा और उत्कर्ष वर्मा नाम के इन 8 साइकिल चालकों का उद्देश्य दुनिया को यह दिखाना है कि साइकिल के उपयोग से शून्य उत्सर्जन पैदा होता है ।
साइकिल चलाने के सामाजिक, आर्थिक और स्वास्थ्य के स्तर पर बड़े फायदे हैं।

शून्य-कार्बन उत्सर्जन भविष्य की ओर बदलाव के लिए मानवता की सबसे बड़ी आशाओं में से एक है। धरती के पर्यावरण को भावी पीढ़ी के लिए बेहतर बनाए रखने के मिशन पर निकलने वाले इन साइकिल यात्रियों की जनता से अपील है कि वे साइकिल को अपनाएं. साथ ही सड़क पर साइकिल चलाने को सुरक्षित बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाएं ।  यात्रियों ने कहा कि सोचने की बात है कि अगर वे दिल्ली से कोलकाता तक साइकिल चला सकते हैं तो हम अपने घर से ऑफिस तक साइकिल से क्यों नहीं जा सकते हैं।