नरक चतुर्दशी का त्‍योहार धनतेरस के अगले दिन मनाया जाता है। मान्‍यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। चतुर्दशी तिथि पर नरकासुर का वध होने के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा होती है और शाम के समय यमराज की पूजा की जाती है। घर के दरवाजे पर यम दीपक जलाया जाता है। मान्‍यता है इस दीपक को जलाने से अकाल मृत्‍यु का खतरा परिवार के ऊपर से टल जाता है।

छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी कब है?

इस साल तिथियों के बढ़ने के कारण छोटी दिवाली 23 अक्टूबर की शाम से 24 अक्टूबर की शाम तक मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर की शाम से अमावस्या लगने के कारण इस दिन दिवाली भी मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी को हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं।

नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार 23 अक्टूबर को 6.03 मिनट पर कार्तिक चतुर्दशी शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर को 5.27 मिनट पर समाप्त होगी। 23 अक्टूबर, रविवार को नरक चतुर्दशी है। काली चौदस का मुहूर्त 23 अक्टूबर को 11.40 से 24 अक्टूबर 12.31 तक रहेगा।

नरक चतुर्दशी उपाय

  • नरक चतुर्दशी के दिन हाथी को कुछ मीठा या गन्ना खिलाना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुख और परेशानी का नाश हो जाता है।
  • इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर उबटन लगाकर स्नान करें। फिर सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है। इससे सौंदर्य की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद दक्षिण दिशा में मुख करके हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करें।
  • इस दिन काली चौदस रहती है। अंत कालिका माता की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। हर तरह का संकट मिट जाता है।
  • नरक चौदस के दिन घर में पूर्व दिशा में चार मुखी दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन आटे का दिया जलाना चाहिए। यह बहुत शुभ माना जाता है।