करप्शन का केस दर्ज

भोपाल। मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन ने रिटायर्ड आईएएस राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। अधिकारी पर जल संसाधन विभाग के सब ठेकेदार फर्म अर्नी इन्फ्रा से 99.50 लाख रुपए अपने बैंक खाते में लेने के आरोप हैं। शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराते हुए राधेश्याम जुलानिया, उनकी पत्नी और बेटी को भी आरोपी बनाने की मांग की है।

बैंक खातों से इस तरह ली रकम

भोपाल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचन्द जैन ने 2 अगस्त को लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि जुलानिया रिटायरमेंट के बाद जिस बंगले में रहते हैं उसका भूखण्ड उन्होंने स्वयं और पत्नी अनिता जुलानिया के नाम खरीदा है। इस भूखंड को खरीदने की रकम अर्नी इंफ्रा के खाते से अलग अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के एकाउंट में भेजी गई थी। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। ईडी से जानकारी मिली थी कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है, जो जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े ठेकेदार राजू मेंटाना की ओर से मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों को रिश्वत बांटने का काम करती है। अर्नी इंफ्रा को मेंटाना की ओर से करीब 93 करोड़ का काम सबलेट के नाम से मिला था।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय जुलानिया जल संसाधन विभाग में थे और मेंटाना वहां ठेकेदार फर्म थी, उसी समय जुलानिया की बेटी लवण्या जुलानिया हैदराबाद में मेंटाना की ही एक कंपनी में जाॅब कर रही थी। और इसकी सूचना जुलानिया ने राज्य सरकार को नहीं दी। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने 22 अगस्त 2016 को जुलानिया को जल संसाधन विभाग से हटाया और आईएएस पंकज अग्रवाल को जल संसाधन की कमान सौंपी थी। मिली जानकारी के अनुसार पंकज अग्रवाल के कार्यकाल में मेंटाना कंपनी को ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया था, लेकिन मेंटाना के ब्लेक लिस्टेड होते ही अचानक सरकार ने पंकज अग्रवाल को हटाकर जुलानिया को फिर से जल संसाधन में पदस्थ किया। और जुलानिया के जल संसाधन में आते ही मेंटाना को ब्लेक लिस्ट से हटाकर फिर से काम सौंप दिया।

IAS रमेश थेटे ने भी की थी शिकायत

जल संसाधन के प्रमुख सचिव रहे जुलानिया के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर IAS रमेश थेटे ने भी पुलिस में शिकायत की थी। लोकायुक्त से की गई शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया गया है। रमेश थेटे ने दिसंबर 2016 में भोपाल के हबीबगंज थाने में ये शिकायत की थी कि राधेश्याम जुलानिया ने अपने फ्रांस में रहने वाले बेटे को एक करोड़ की राशि भेजी है, उस वक्त थेटे ने जुलानिया के कार्यकाल की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की थी। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त में यह भी बताया कि जुलानिया की बेटी मेंटाना की कंपनी में जॉब करती है।

लंबे समय तक रहे इस विभाग के प्रमुख

जुलानिया लंबे समय तक मध्य प्रदेश के जल संसाधन विभाग के प्रमुख अधिकारी रहे हैं और उनके कार्यकाल में मेंटाना को सैकड़ों करोड़ रुपये के काम दिए गए थे। इस शिकायत को लेकर लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता को सूचना देकर बताया है कि शिकायत के आधार पर लोकायुक्त विभाग ने जुलानिया के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।