पटना।  अवैध खनन घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए बीते दिनों जारी की गई समन का झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पालन नहीं किया और पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पेशी में नहीं गए। मुख्यमंत्री सोरेन ने ईडी के समन  को नजरअंदाज किया और अपने कार्यकर्ताओं की जनसभा को संबोधित करने के लिए आदिवासी समुदाय के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ आ गए। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में आदिवासी महोत्सव’ में शामिल होने का सोरेन का पहले से कार्यक्रम था।

जनसभा में सोरेन ने ईडी को सीधे-सीधे चुनौती देते हुए कहा, मुझे ईडी का समन मत भेजिए, सीधे गिरफ्तार करके दिखाइये।” सोरेन ने कहा कि भाजपा को लगता है कि जेल में डालकर डरा देंगे लेकिन वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस साजिश का माकूल जवाब देंगे। जनता हमारे साथ है तो हम कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। विपक्ष सत्ता जाने से बौखलाया हुआ है लेकिन उसके हाथ कुछ लग नहीं पा रहा है।” उन्होंने केन्द्र और भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘आज सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल हथियार के तौर पर किया जा रहा है लेकिन वे हमारी सरकार का बाल भी बांका नहीं कर सकते और हम पांच साल का पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे।


वास्तव में राज्य में लाभ के पद के मामले में सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग की चिट्ठी पर राजभवन की चुप्पी भी मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है। सोरेन ने आज कड़े शब्दों में कहा कि अगर मैं मुजरिम हूं तो मुझे सजा सुना दिया जाए, मुझे कोई चिंता नहीं है। मुझे गिरफ्तार किया जाये। यह अजूबा मामला है जहां मुजरिम गिरफ्तार होने को तैयार बैठा है और दोषी बताने वाले सजा सुनाने को तैयार नहीं हैं।


अवैध खनन मामले में भी प्रवर्तन निदेशालय ने सोरेन को बुधवार को नोटिस भेजकर अपन क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद ईडी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर सुरक्षा व्यवस्था का विशेष इंतजाम करने का अनुरोध किया था। साथ ही उन्होंने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल से भी अपने कार्यालय की सुरक्षा करने का अनुरोध किया था। इस बीच भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने टिप्पणी की, भगवान न करे कि जेल से राज्य चलाने वाले मुख्यमंत्री का रिकार्ड झारखंड के नाम भी बन जाये।