जिला अस्पताल ने गर्भवती महिला का इलाज से किया इनकार, मां और जुड़वा बच्चों की हुई मौत

बेंगलुरु। गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए संचालित सरकारी अस्पतालों की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है और इसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल के अव्यवस्था के कारण एक बार फिर मां सहित दो जुड़वा बच्चों जान चली गई।

कर्नाटक के तुमकुरु जिला अस्पताल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। हॉस्पिटल की ओर से गर्भवती महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया गया, जिसके चलते मां और उसके जुड़वा बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में एक डॉक्टर और तीन नर्सों को सस्पेंड कर दिया गया है।

महिला की पहचान कस्तूरी के रूप में हुई है जो जिले के भारतीनगर की रहने वाली है। वह अपनी 6 साल की अनाथ बेटी के साथ रहती थी। पीड़िता एक बुजुर्ग महिला के साथ जिला अस्पताल आई थी, जो कि उसकी पड़ोसी है। बुधवार रात को उसने लेबर पेन की शिकायत की थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे हॉस्पिटल जाने की सलाह दी। यह दावा किया जा रहा है कि महिला को अस्पताल से यह कहकर लौटा दिया गया कि उसके पास ‘मदर हेल्थ कार्ड’ नहीं है।

गर्भवती महिला मजबूरन लौट गई घर

अस्पताल पर डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के चलते मां व नवजात बच्चों की मौत का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उसे बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल जाकर इलाज करान के लिए कहा था। गर्भवती महिला के पास इतने पैसे नहीं थे तो वह मजबूरन अपने घर को लौट गई। गुरुवार की सुबह डिलिवरी के दौरान अधिक ब्लिडिंग होने से मां और जुड़वा बच्चों की मौत हो गई।

DHO से शिकायत करने पहुंचे स्थानीय लोग

स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला ने जुड़वा लड़कों को जन्म दिया था, जिन्हें बचाया नहीं जा सका। कस्तूरी तमिलनाडु की रहने वाली थी, जो बीते एक महीने से भारतीनगर में रह रही थी। स्थानीय लोग इस मामले की शिकायत के लेकर जिला स्वास्थ्य अधिकारी  के पास पहुंचे, जिन्होंने दोषी डॉक्टर्स के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने की मांग की। DHO मंजुनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े डॉक्टर और स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया है। 

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