मुंबई। महाराष्ट्र में आफत बन कर आई भारी बारिश ने कई किसानों को तबाह कर दिया है। बारिश के कारण जानमाल के साथ किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है। किसानों ने दावा किया कि उन्हें बहुत कम मुआवजा राशि मिली है। एक किसान ने दावा किया है कि नुकसान के लिए उसे केवल 90 रुपये मिले हैं। वहीं इस मामले पर संपर्क करने पर, राज्य के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि कुछ किसानों को बहुत कम राशि प्राप्त हुई है, लेकिन सरकार बीमा कवरेज को बढ़ाने और दावा निपटान प्रणाली को गतिशील बनाने की कोशिश करेगी।

राज्य के राहत एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि औरंगाबाद जिले के 7.48 लाख किसानों ने 2022 खरीफ सीजन में सरकार की फसल बीमा योजना का लाभ उठाया था, लेकिन दीवाली त्योहार से पहले व्यापक बारिश के बावजूद केवल 1.84 लाख किसानों के दावों को बीमा द्वारा अनुमोदित किया गया है। राज्य सरकार के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 1.03 लाख किसानों ने अहमदनगर में अत्यधिक बारिश के कारण फसल क्षति के लिए अपना दावा प्रस्तुत किया है, अब तक केवल 20,226 दावों को मंजूरी दी गई है और 9.78 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

किसी को 90 रुपये तो किसी को 356 रुपये मिला मुआवजा
विदर्भ के अकोला जिले की बालापुर तहसील के एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैंने किसी भी प्राकृतिक आपदा के खिलाफ अपनी कपास की फसल का बीमा कराने के लिए 2,000 रुपये से अधिक का भुगतान किया। अत्यधिक बारिश ने दो एकड़ में कपास के बागान को बुरी तरह प्रभावित किया, लेकिन मेरे पास इसके एवज में केवल 90 रुपये का भुगतान किया गया है।  नांदेड़ जिले की किनवट तहसील के एक अन्य किसान, जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, ने कहा कि उन्हें फसल बीमा कंपनी द्वारा मुआवजे के रूप में 356 रुपये का भुगतान किया गया है। बुलढाणा जिले की खमनगांव तहसील के एक किसान गोपाल रहाणे को 1,147 रुपये मिले, जबकि उन्होंने लगभग एक हेक्टेयर भूमि में फैली अपनी कपास की फसल के लिए 2,819 रुपये का प्रीमियम चुकाया था। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत उनकी कुल बीमा राशि 56,384 रुपये है।  लेकिन, अपने कपास बागान के महत्वपूर्ण नुकसान के बावजूद, रहाणे ने कहा कि उन्हें केवल 1,147 रुपये का भुगतान किया गया है।
अजीत पवार ने उठाए सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने हाल ही में राज्य सरकार से फसल बीमा योजना और इसकी भुगतान प्रणाली को कारगर बनाने के लिए कहा। पवार ने मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि किसानों को राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत जाने के लिए मजबूर न करें। किसानों ने बड़ी संख्या में फसल खोई है और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।  
कृषि मंत्री ने समस्या के समाधान का जल्द दिया आश्वासन
हालांकि, कृषि मंत्री सत्तार ने किसानों के बीमा दावों के मुद्दे को जल्द ही हल करने का आश्वासन दिया। यह सच है कि कुछ किसानों को बहुत कम राशि प्राप्त हुई, लेकिन हम बीमा कवरेज को व्यापक बनाने और दावा निपटान प्रणाली को गतिशील बनाने की कोशिश करेंगे।