NAKSALI

जगदलपुर। जनमुक्ति गुरिल्ला सेना (पीएलजीए) ने केन्द्रीय कमेटी ने एक बयान जारी कर गुरिल्ला युद्ध को व्यापक व तेज करते हुए जनाधार, गुरिल्ला सैन्य शक्ति को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है। अपने 22वें वर्षगांठ के समारोह को देशभर में ग्रामीण व शहरी इलाकों में क्रांतिकारी उत्साह के साथ जोरशोर से मनाने की अपील की है।

सेंट्रल कमेटी द्वारा जारी पात्र के माध्यम से विश्वास व्यक्त किया है कि घायल हुए कामरेड शीघ्र ठीक होंगे। पिछले सालभर में अपनी जान कुरबानी किए वीर गुरिल्ला योद्धाओं को सिर झुकाकर विनम्रता से क्रांतिकारी श्रद्धांजलि अर्पित करती है। विगत 11 महीनों में देशभर में 132 कामरेड शहीद हुए केंद्र व राज्य सरकारें भारत के क्रांतिकारी आंदोलन को पूरी तरह उन्मूलन करने के लिए मई 2017 में 5 वर्ष की समयसीमा रखकर प्रतिक्रांतिकारी रणनीतिक समाधान हमले को आरंभ किया। इस हमले को हराने के लक्ष्य से हमारी पार्टी के नेतृत्व में वीर पीएलजीए ने इस पूरे समयकाल में इस युद्ध में जनता व जन मिलिशिया की भागीदारी को अलग कर नहीं देखा जा सकता।

कमेटी ने बताया कि दिसंबर-21 से नवंबर -22 तक बीते 11 महीनों के समय में हमारी पार्टी के नेतृत्व में पीएलजीए ने देश के विभिन्न गुरिल्ला जोनों और लाल प्रतिरोध इलाकों में लगभग 200 गुरिल्ला युद्ध कार्रवाइयों को अंजाम दिया. इनमें दुश्मन के पुलिस, अर्धसैनिक एवं कमांडो बलों के 31 जवानों को उन्मूलन कर 154 जवानों को घायल किया। उनके पास से सात आधुनिक हथियारों, सैकड़ों कारतूस और अन्य सैन्य साजो सामान को जब्त किया। 69 पुलिस मुखबिरों, सात शोषक राजनेताओं, छ जन-दुश्मनों और छ: गदारों को उन्मूलन किया। कई जगहों पर सरकारी संपत्ति और दलाल नौकरशाह पूजीपतियों की लूटी संपत्ति को ध्वस्त किया। लगभग 100 मुठभेड़ों में पुलिस, अर्धसैनिक एवं कमांडो बलों का पीएलजीए बलों ने प्रतिरोध किया. कुल मिलाकर देखा जाए। इन 11 महीनो में प्रतिक्रांतिकारी समाधान प्रहार हमले को हराने के लिए हमारे पीएलजीए बल दुश्मन के सशस्त्र बलों पर योजनाबद्ध एम्बुशो मौकापरस्त एम्बुशा स्नाईपर कार्रवाइयों बूबीप व रिमोट कार्रवाइयों, ध्वस्त कार्रवाइयों, दुश्मन की आपूर्ति जब्ती, पुलिस मुखबिरों का उन्मूलन, प्रतिक्रांतिकारी गद्दारों का उन्मूलन, जन-दुश्मनों का उन्मूलन, पुलिस कैंपों पर इंप्रूवाइज्ड आर्टिलरी से शेल्लिंग किया, स्पाइक होल्स खोदा।

पिछले दो वर्षों से दंडकारण्य और बिहार-झारखंड में पुलिस कपों, खदानों, सडक़ पुलिया एवं डेम परियोजनाओं के खिलाफ पुलिस हत्याकाडी व नरसंहारों के खिलाफ कुल मिलाकर देखा जाए। साम्राज्यवादी कंपनियों, दलाल नौकरशाह पूजीवादी कंपनियों के खिलाफ उनके स्थानीय दलालों के खिलाफ केंद्र व राज्य सरकारों के खिलाफ, कार्पोरेटीकरण सैन्यकरण के खिलाफ बड़े पैमाने पर जनादोलन जारी है. इन आंदोलनों में हजारों की संख्या में जनता गोलबंद हो रही है।

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