जानें कौन हैं कुमारी शैलजा? जिन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बनाया प्रदेश प्रभारी
जानें कौन हैं कुमारी शैलजा? जिन्हें कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बनाया प्रदेश प्रभारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ की इस वक्त की सबसे बड़ी खबर है। जहां कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया को बदल दिए हैं। पीएल पुनिया के जगह अब कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ का नया प्रभारी बनाया गया है।

कुमारी शैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार जिले के गांव प्रभुवाला में हुआ था। सैलजा की प्राथमिक शिक्षा नई दिल्ली के जीसस सेंट मेरी स्कूल में हुई। वह पंजाब विश्वविद्यालय से एमफिल (दर्शनशास्त्र में परास्नातक) हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 में महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनने से की। वह दो बार सिरसा व दो बार अंबाला से सांसद रही हैं। 2014 से वर्ष 2020 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुकी हैं। वह यूपीए की दोनों सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वे 1978 से 1980 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे थे। उनके पिता भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।

ऐसा था कुमारी शैलजा का राजनीतिक सफर

1990 में महिला कांग्रेस की अध्‍यक्ष बनकर इन्‍होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1991 में वे पहली बार 10वीं लोकसभा चुनाव में हरियाणा के सिरसा लोकसभा सीट से जीतीं और नरसिंहराव सरकार में शिक्षा और संस्‍कृति राज्‍यमंत्री बनीं। जुलाई 1992 से सितंबर 1995 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के शिक्षा और संस्कृति विभाग की केंद्रीय उप मंत्री रहीं। सितंबर 1995 से मई 1996 तक उक्त विभाग की केंद्रीय राज्यमंत्री रहीं। 1996 में 11वीं लोकसभा में दूसरी बार सिरसा सीट से जीत हासिल की तथा कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारी समिति की सदस्य बनीं।

चौथी बार 15वीं लोकसभा के लिए हुईं निर्वाचित

1996 से 2004 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव व प्रवक्ता पद का दायित्व सम्हाला। तीसरी बार 2004 में 14वें लोकसभा चुनाव में कुमारी शैलजा ने हरियाणा की अंबाला सीट का प्रतिनिधित्‍व किया तथा डॉ. मनमोहन सिंह सरकार में आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की राज्‍यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनीं। 2005 में राष्ट्रमंडल स्थानीय सरकार फोरम के संचालक मंडल के सदस्य निर्वाचित हुईं। 2007 में दो वर्ष के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावास की 21वीं शासी परिषद की अध्यक्ष चुनी गईं। 2009 में चौथी बार 15वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं।

कई मंत्रालयों की संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी

31 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन और पर्यटन विभाग की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रहीं। 19 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक आवास और शहरी गरीबी उपशमन और संस्कृति मंत्रालय की केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद का दायित्व संभाला। 28 अक्टूबर 2012 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप कार्य कर रही थीं। 27 जनवरी 2014 को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस संगठन में कार करने की इच्छा जाहिर की। मार्च 2011 में केंद्रीय पर्यटन मंत्री कुमारी शैलजा की याचिका पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी, जालसाजी व अन्य आपराधिक षडयंत्र के आरोप लगाए।

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