नई दिल्ली । जनसेवक का मुखौटा पहन झूठे वायदे और प्रलोभन देकर नेता बनने वाले 56 विधायकों और सांसदों का असली चेहरा सामने आ चुके हैं और उन पर कानूनी शिकंजा कसा गया है। सीबीआई ने साल 2017 से 3 अक्टूबर 2022 तक की अवधि के दौरान विधायकों और सांसदों के खिलाफ 56 मामले दर्ज किए हैं। कार्मिक मंत्रालय ने संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि सीबीआई के द्वारा दर्ज 56 मामलों में से 22 मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। राज्य-वार आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अधिक 10 मामले आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केरल में 6-6 मामले दर्ज हैं। इसी तरह पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में सीबीआई ने विधायकों या सांसदों के खिलाफ 5-5 मामले दर्ज किए हैं।

कार्मिक मंत्रालय के लिखित जवाब के अनुसार, इस अवधि के दौरान अपराध सिद्धि की दर 66.90 प्रतिशत से 69.83 प्रतिशत के बीच रही है। यह दर साल 2017 में यह 66.9 थी, जबकि 2018 में यह बढ़कर 68, 2019 में 69.19 और 2020 में 69.83 प्रतिशत हो गई। हालांकि, साल 2021 के दौरान दोषि ठहराए जाने की दर घटकर 67.56 प्रतिशत पर आ गई।