छपरा। शराब बंदी वाले प्रदेश बिहार में अवैैध शराब की तस्करी जोरों पर है। शराब माफियाओं द्वारा अधिक मुनाफा के लिए जहरीली शराब की तस्करी भी की जा रही है जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है।
छपरा में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. गुरुवार की सुबह तक 31 लोगों के मरने की सूचना है. हालांकि आज सुबह तक मृतकों की संख्या पर जिला प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गयी है।

मृतकों में सबसे ज्यादा मशरक के दस लोग शामिल हैं। वहीं, अमनौर के तीन एवं मढ़ौरा के एक व्यक्ति की मौत हुई है। बीमार लोगों में से कई के आंखों की रौशनी जाने की भी शिकायत मिल रही है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक 16 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था। वहीं तीन शवों का परिजनों से खुद से अंतिम संस्कार कर दिया है। कई गंभीर रुप से बीमार लोगों का इलाज छपरा सदर अस्पताल और पटना के पीएमसीएच में चल रहा है।


कई परिजन बीमारी से मौत की कह रहे बात
शराब कांड में मारे गए कई लोगों के परिजनों का कहना है कि उनके मरीज की मौत किसी अन्य बीमारी के कारण हुई है। हालांकि, बाद में पूछने पर एक ने बताया कि परिजन की मौत तो हो गयी है। शराब की बात सामने आएगी तो सामाजिक परेशानी के साथ ही, पुलिस का चक्कर भी लंबा लगेगा। ऐसे में हम बीमारी से मौत की बात कह रहे हैं। वहीं, पुलिस प्रशासन इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर रही है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस की जांच अभी चल रही है। बिना जांच के कुछ भी कहना इस संदिग्ध मामले में काफी गलत हो सकता है। घटना के बाद से ही, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है।


मशरक से हुई थी जहरीली शराब की सप्लाई
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया कि जहरीली शराब की सप्लाइ मशरक के जद्दू मोड़ के पास की एक बस्ती से हुई थी। सबसे पहले पांच लोगों ने वहीं पर शराब पी थी, जिनकी मौत हो गयी। कुछ लोगों से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि दो दिन पहले बाहर से यहां शराब की खेप आयी थी और यहीं से प्रखंड के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई हुई है। एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि 30 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। जहरीली शराब से संदेहास्पद मौत मानकर ही मामले की जांच की जा रही है. रेंज डीआइजी कैंप कर रहे हैं।