जयपुर । आरपीएससी के वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के पेपर लीक में शामिल 46 अभ्यार्थियों पर आरपीएससी ने भविष्य में ली जाने वाली समस्त परीक्षाओं से सदैव के लिए प्राथमिक तौर पर विवर्जित किया है। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा प्रकरण में शामिल 4 सरकारी कर्मचारियों में प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार, वरिष्ठ अध्यापक रावताराम, कनिष्ठ सहायक पुखराज और द्वितीय श्रेणी अध्यापक भागीरथ को निलंबित भी किया गया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने बताया कि  इस निर्णय से ऐसे लोगों में भय पैदा होगा।


अभी तक 237 आरोपी गिरफ्तार
डॉ. कल्ला ने बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा पेपर लीक प्रकरणों में जनवरी, 2019 से 24 दिसंबर, 2022 तक 237 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कुल 14 प्रकरणों में से 7 में पूर्ण चालान पेश किया गया है। इन 237 आरोपियों में शनिवार को गिरफ्तार 46 भी शामिल हैं। नकल पर नकेल: राजस्थान में सख्त कानून
डॉ. कल्ला ने बताया कि परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए राजस्थान विधानसभा में ध्वनिमत प्रस्ताव पारित कर 6 अप्रेल, 2022 को ‘राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022‘ की अधिसूचना जारी की गई।

इसमें परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम और भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शिता से कराने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों के लिए दण्डात्मक प्रावधान के अंतर्गत 3 वर्ष तक का कारावास, न्यूनतम 1 लाख रूपये का अर्थदंड एवं सार्वजनिक परीक्षा से 2 वर्ष के लिए वंचित करने का प्रावधान किया गया है। परीक्षा एजेंसी के साथ मिलीभगत कर अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थी सहित किसी भी व्यक्ति को 5 से 10 वर्ष तक कारावास एवं 10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक का अर्थदण्ड का प्रावधान है।


डॉ. कल्ला ने बताया कि अपराध के आगम से प्राप्त सम्पत्ति की जब्ती, कुर्की एवं राजसात करने के संबंध में प्रावधान है। इसमें अनुसंधान अधिकारी द्वारा राज्य सरकार की पूर्वानुमति से चल या अचल सम्पत्ति को जब्त किया जा सकेगा। मैनेजमेंट या संस्था द्वारा अपराध करने पर उस संस्था को हमेशा के लिए प्रतिबंध एवं दोषी पाए जाने पर परीक्षा पर हुए खर्चे की भरपाई के लिए संस्था या प्रबंधन की सम्पत्ति को नीलाम करने का प्रावधान है। इस प्रकार के अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं नॉन कम्पाउंडेबल होंगे।