BANK FRAUD

बिलासपुर। AXIS बैंक के कैशियर से मिलीभगत कर आबकारी के ठेका कर्मचारियों ने एक करोड़ 47 लाख 53 हजार रूपये का गबन कर लिया। इसकी शिकायत पर पुलिस ने बैंक के कैशियर समेत तीन आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित से रुपयों के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि व्यापार विहार स्थित AXIS बैंक के प्रबंधक दुर्जती मुखर्जी ने सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि बैंक में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन का खाता है। यहां शराब बिक्री की रकम को टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी दुकानों से लाकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग के खाते में जमा कराते हैं। कंपनी की ऑडिट में पता चला कि बैंक खाते में एक करोड़ 47 लाख 53 हजार रूपये कम हैं, जबकि इसकी जमा पर्चियां कंपनी के पास मौजूद है।

बिना रकम दिए ले जाते थे पर्चियां

बैंक की जांच में पता चला कैशियर राकेश प्रसाद द्वारा ये पर्चियां जारी की गई है। पूछताछ में कैशियर ने बताया कि टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी उसे बिना रकम दिए पर्चियां लेकर जाते थे। कमीशन के लालच में उसने कर्मचारियों को बिना रूपये जमा किये ही जमा पर्चियां जारी कर दी है। बैंक प्रबंधन की शिकायत सिविल लाइन पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस ने बैंक के कैशियर राकेश प्रसाद (39) निवासी ग्राम समोगर, थाना देवरिया, जिला गोरखपुर, ठेका कर्मचारी ज्वाला प्रसाद लगाडें(28) निवासी बहतराई, निखिल आश्रम के पास, ईमेश पाण्डेय(23) ग्राम खैरा स्कूल के पास थाना सीपत को गिरफ्तार किया है। आरोपितों से रूपये के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

कैशियर ने खरीदी जमीन, दूसरे ने की शादी

सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि बैंक कैशियर राकेश प्रसाद से पूछताछ में पता चला है कि उसे पर्ची के लिए 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था। इन रुपयों से उसने अपने गृहग्राम में जमीन खरीदी है। वहीं, एक कार और एप्पल का मोबाइल, फ्रीज, वाशिंग मशीन और सोने-चांदी के जेवर खरीदे हैं। उधर आरोपित ज्वाला प्रसाद ने अपनी शादी में रकम खर्च कर दिए। वहीं घरेलु कामों में भी उसने रकम खर्च किए हैं। इमेश ने पूरी रकम अपने घरेलु काम में लगा दिए हैं।

और भी नाम आ सकते हैं सामने

पूछताछ में तीनों आरोपित ने कमीशन मिलने की बात कही है। वहीं, बाकी रकम किसी अधिकारी को देने की बात कह रहे हैं। पुलिस तीनों से अलग-अलग इस संबंध में पूछताछ कर रही है। इससे और भी नाम सामने आ सकते हैं। इसमें आबकारी और ठेका कंपनी के अधिकारियों की मिली-भगत भी सामने आ सकती है।

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