Rules Ignored In Millets Scheme - मिलेट्स उत्पाद और वितरण में गड़बड़ी के बाद DPI ने लगाई रोक
CGMFP Seeking Money From Banks - मिलेटस कार्निवल के लिए CGMFP बैंकों से मांग रहा 25-25 लाख रू.

विशेष संवादाता, रायपुर

मिलेटस को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन विशेष प्रयास कर रहा है। मिलेटस फ़ूड की महत्ता समझने के लिए बाकायदा योजना भी बनाई गई है। मिलेटस के उत्पाद को प्रचारित भी किया जा रहा है। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ स्टेट माइनर फारेस्ट प्रोड्यूस (ट्रेडिंग एंड डेवलपमेंट)कॉपरेटिव्ह फेडरेशन लिमिटेड वन भवन नवा रायपुर अटल नगर के CGMFP के ADM आईएफएस अनिल रे का एक विभागीय पत्र की खासी चर्चा है।

उक्त हस्ताक्षरित पत्र में जिन बैंकों में विभागीय मद के पैसे जमा हैं, उनसे फरवरी में आयोजित होने वाले मिलेटस कार्निवल के लिए 25-25 लाख रूपये मांगा गया है। लाखों रूपये 17 से 19 फरवरी को होने वाले छत्तीसगढ़ मिलेटस कार्निवल – 2023 के लिए देने का फरमान 13 बैंकों को जारी किया है। प्रति बैंक 25 लाख रूपये होने वाले कार्यक्रम की स्पांसरशिप के बतौर माँगा गया है।

CGMFP के AMD आईएफएस अनिल राय के हस्ताक्षर से जारी उक्त मांग पत्र से विभागीय खाता खोलने वाले 13 बैंकों के जोनल और रीजनल मैनेजर को यह फरमान जारी हुआ है। अधिकृत सूत्रों के मुताबिक आईएफएस के इस पत्र और मांगी गई 25 – 25 लाख रूपये की रकम उन्हें 23 जनवरी तक देने के लिए भी ताकीद की गई है।

लेकिन चौंकाने वाली बात है कि अब तक किसी भी बैंक ने मांगी गई राशि नहीं दिया है। बताते हैं कि सरकारी पैसों को जिन 13 बैंकों में रखा गया है उन्हें पत्र लिखा गया है। परंतु बैंक का सीएसआर फंड के तहत भी कोई इतनी बड़ी रकम देने के लिए तैयार नहीं है। दबाव की वजह से कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अपने हेड ऑफिस प्रपोज़ल भेजा था पर जवाब नहीं आया।

अपनी मजबूरी बताते हुए बैंकों के कुछ अधिकारी विभागीय पैसों के कारण मिलेटस प्रोग्राम के लिए खर्च करने तैयार हैं लेकिन 25 क्या 10 लाख रूपये भी नहीं देने की बात कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अपने लाभांश का कुछ परसेंट सीएसआर मद में बैंक खर्च करने तैयार है पर मिलेटस सीएसआर में शामिल ही नहीं है तो सभी बैंक कतरा रहे हैं।

बैंक के अधिकारी दबी जुबान से यह भी कह रहे हैं शासन की महती मिलेटस योजना और कार्यक्रम में बैंक पैसा क्यों देगा। वैसे भी वन विभाग समेत अन्य सम्बंधित विभागों के पैसों का जब पर्याप्त इंट्रेस्ट दे रहे है फिर अतरिक्त 25 – 25 लाख रूपये देने का दबाव जायज नहीं।

सुलगते सवाल

  1. क्या छग. मिलेटस कार्निवल 2023 के आयोजन के लिए फंड नहीं है?
  2. 13 बैंकों से प्रति बैंक 25 लाख रूपये किस आधार पर AMD मांग रहे?
  3. क्या विभागीय खाते और मद जिन बैंकों में है उनपर स्पॉन्सरशिप का प्रेशर है?
  4. आईएफएस के पत्र के बाद तय तारीख तक बैंक पैसा तो दूर जवाब भी क्यों नहीं दिए?
  5. मिलेटस कार्निवल 2023 के लिए क्या बजट खर्च पूर्व निर्धारित किया गया है?