AHIRAN NADI

0 शमी इमाम
कोरबा। TRP NEWS की खबर का एक बार फिर असर हुआ है। शहर के हसदेव ताप विद्युत संयंत्र (HTPP) से अहिरन नदी में राख बहाये जाने संबंधी खबर के प्रसारण के बाद प्रबंधन ने राख के निस्तारण को तत्काल बंद किया। अब यहां नदी का पानी कुछ साफ नजर आने लगा है।

ऊर्जानगरी कोरबा में एचटीपीपी संयंत्र के डंगनिया खार स्थित राखड़ डेम (ASH DYKE) से राख मिश्रित पानी अहिरन नदी में बहाये जाने संबंधी खबर के प्रकाशन के बाद प्रबंधन ने आनन-फानन में राख का निस्तारण बंद किया। तस्वीरों और विजुअल में साफ़ देखा जा सकता है कि तब और अब में काफी फर्क आ गया है। एक दिन पूर्व तक CSEB के इस राखड़ डेम (ASH DYKE) से बड़ी ही मात्रा में राखयुक्त पानी बहाया जा रहा था। जिसके चलते अहिरन नदी का पानी दूधिया नजर आने लगा था, मगर अब यहां के दो स्थानों से हो रहे राख के निस्तारण को बंद कर दिया गया। इसके चलते नदी का पानी थोड़ा साफ दिखाई दे रहा है।

बता दें कि अहिरन नदी का पानी कुछ ही किलोमीटर के आगे जाकर जिले की जीवन दायिनी नदी हसदेव में मिल जाता है। इसके चलते एक बड़ी आबादी को निस्तारी के लिए प्रदूषित जल का इस्तेमाल करना पड़ता है। फ़िलहाल इलाके के लोगों को इस गंदे जल के इस्तेमाल से मुक्ति मिली है।

TRP न्यूज़ ने अपनी खबर में इस बात का भी जिक्र किया था कि कोरबा जिले के अनेक नदी-नाले कारखानों की राख और कोयला मिश्रित पानी के बहाव के चलते प्रदूषित हो रहे हैं। इनमे से अधिकांश नदी-नाले हसदेव नदी में समाहित हो जाते हैं, यही वजह है कि पिछले कई सालों से हसदेव नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है। आलम ये है कि नदी के तल पर राख की पूरी परत बिछ जाती है। बहरहाल जिले के बिजली कारखानों और कोयला खदानों से लगे हुए नदी-नालों की समीक्षा की जरुरत है। उम्मीद है कि जिला प्रशासन इसके लिए पहल करेगा।

अहिरन नदी का कल और आज का Visual :

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