HIGH COURT

रायपुर। राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल के दौरान शराब की खरीदी पर कोरोना सेस लगाया गया था, जिसके खिलाफ भाजपा विधायकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि शराब में लगाए गए कोरोना सेस से करोड़ों रुपए जमा हुए हैं। मगर यह राशि कोरोना अधोसंरचना में नहीं लगाई गई है, और स्वास्थ्य विभाग को भी पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए। नियम के मुताबिक जिस वजह से टैक्स लिया जाता है, उसका उपयोग उसी मद में किया जाना चाहिए, लेकिन राशि का उपयोग किस तरह किया जा रहा यह स्पष्ट नहीं है।

कोर्ट ने दिया अंतिम मौका

10 माह पुरानी इस याचिका में अब भी राज्य सरकार अपना जवाब पेश नहीं कर सकी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है, और इसकी अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। इस याचिका को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल व अन्य ने लगाया, जिसमें कहा गया था कि इस सेस का पैसा कोरोना अधोसंरचना में नहीं लगाया गया है।

अब भी जारी है कोरोना सेस..?

बता दें कि कोरोनाकाल के दौरान राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत कोरोना सेस लगाया था। यह सेस शराब में अब भी जारी है। इस मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल उठाया है कि सेस से मिलने वाले पैसे को कहां लगाया जा रहा है। साथ ही इस तरह लगाए गए टैक्स को अधोसंरचना में लगाने के नियम की बात कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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