dhamdha janpad

दुर्ग। जिले के एक ग्राम पंचायत में सचिव ने सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर करके लाखों रूपये निकाल लिये। यह मामला उजागर होने के बाद जांच हुई और ग्राम सचिव को बर्खास्त कर दिया गया।

यह मामला दुर्ग जिले के जनपद पंचायत धमधा के ग्राम पंचायत करेली का है। जहां पंचायत सचिव श्याम कार्तिक यादव की पदस्थापना के दौरान पी.एफ.एम.एस. से किसी अन्य फर्म को राशि भुगतान किये जाने एवं रोकड़ में अन्य फर्म का देयक लगाया जाना पाया गया है तथा पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से भुगतान की गई राशि को रोकड़ में नगद राशि दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि इस कार्य में लेखा नियम का पालन नहीं किया गया है। साथ ही तकनीकी/प्रशासकीय स्वीकृति, मूल्यांकन और सत्यापन के बिना निर्माण कार्यों को कराया गया एवं राशि रुपये 3 लाख 30 हजार 450 का व्यय किया जाना पाया गया।

दूसरे पंचायत में भी की गड़बड़ी

इसी प्रकार ग्राम पंचायत डगनिया, जनपद पंचायत धमधा जिला दुर्ग में पदस्थापना के दौरान पंचायत सचिव श्यामकार्तिक यादव ने सरपंच शैल वर्मा के हस्ताक्षर स्कैन कर लिए। उसके द्वारा सरपंच के बिना जानकारी के हस्ताक्षर सील बनवाकर राशि रुपये 1 लाख 67 हजार 200 एवं 1 लाख 50 हजार कुल राशि रुपये 3 लाख 17 हजार 200 सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर से बिना ग्राम पंचायत प्रस्ताव के आहरण किया जाना पाया गया।

पंचायत का प्रस्ताव भी फर्जी

राशि आहरण के लिए प्रस्तुत विड्राल फार्म के साथ संलग्न ग्राम पंचायत का प्रस्ताव भी फर्जी पाया गया। उक्त समस्त की जांच विभागीय स्तर पर कराया गया। श्यामकार्तिक यादव द्वारा सूचना प्राप्त के बाद भी विभागीय जांच हेतु निर्धारित तिथि में अनुपस्थित रहे। इस प्रकार विभागीय जांच में श्याम कार्तिक के द्वारा असहयोग प्रदान किया गया। ग्राम पंचायत डंगनिया में सरपंच के बिना जानकारी के फर्जी सील में राशि आहरण करने को श्याम कार्तिक यादव द्वारा अपने प्रतिउत्तर में स्वीकार किया गया है। इसके चलते उसे छ.ग. पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम, 1999 के नियम के भाग 3 अनुशासन 5 शास्तियां के उपनियम (ख) दीर्घ शास्तियां के निमय (सात) के तहत् सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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