नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में महापौर पद के लिए होने वाले चुनाव लगातार तीसरी बार टल चुके है। चुनावों के नतीजे आए दो महीने का समय हो चुका है मगर अब तक महापौर चुनाव नहीं हो सका है। महापौर के चुनाव में मनोनित सदस्यों द्वारा वोटिंग किए जाने के अधिकार को लेकर लगातार बीजेपी और आम आदमी पार्टी हंगामा कर रही है। दोनों ही पार्टियां चुनाव ना कराए जाने के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है।
इसी बीच दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के कार्यकर्ता एक दूसरे के विरोध में सड़कों पर उतर आए है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बीजेपी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे है।

आम आदमी पार्टी लगातार मनोनित सदस्यों द्वारा वोटिंग किए जाने के अधिकार का विरोध कर हंगामा कर रही है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया था कि इस मामले में वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। संभावना है कि महापौर चुनाव को लेकर अब कोर्ट के जरिए ही फैसला हो सकता है।बीजेपी के कार्यकर्ता भी लगातार आम आदमी पार्टी को महापौर चुनाव में बाधा डालने का आरोप लगा रहे है। इसे लेकर लगातार सदन में भी हंगामा होता रहा।

तीसरी बार भी नहीं हुआ चुनाव
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर इस चुनाव प्रक्रिया को रोकने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि वह अदालत की निगरानी में यह चुनाव कराने का अनुरोध करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। सदन में छह जनवरी से अभूतपूर्व घटनाक्रम देखने को मिला है, जब नगर निगम चुनाव के बाद पहली बार इसकी बैठक आहूत की गई थी। लेकिन भाजपा और आप सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था।

पीठासीन अधिकारी एवं भाजपा पार्षद सत्या शर्मा द्वारा तीसरी बैठक भी स्थगित किये जाने के बाद, आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। आप ने कहा कि सोमवार को महापौर का चुनाव नहीं हो सका, क्योंकि भाजपा लोकतंत्र एवं भारत के संविधान का गला घोंट रही है, जबकि भाजपा ने आप पर आरोप लगाया गया कि वह इस चुनाव में बाधा डालने के लिए कोई न कोई बहाने के साथ आती है। आधे घंटे के विलंब के बाद, सदन की बैठक पूर्वाह्न करीब साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई और पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि एल्डरमैन को महापौर, उपमहापौर के पदों तथा नगर निगम की स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव में वोट देने की अनुमति दी जाएगी।

इस घोषणा के बाद सदन में पार्टी के नेता मुकेश गोयल अपनी सीट से खड़े हो गये और कहा कि एल्डरमैन वोट नहीं दे सकते तथा शर्मा को एक दस्तावेज सौंपने के लिए सदन में पीठासीन अधिकारी के आसन के करीब पहुंच गये। वहीं आप पार्षदों ने कहा कि हम अब उच्चतम न्यायालय जाएंगे और एल्डरमैन को वोट दिये जाने की अनुमति से जुड़े विषय सहित अन्य मुद्दों को उठाएंगे।