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रायपुर। झीरम न्यायिक जांच का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। आयोग ने जांच पूरा नहीं होने का आधार बनाया है।

मई-2013 में बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में हमला कर 32 नेताओं और सुरक्षा कर्मियों की हत्या की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग का गठन किया था और इस आयोग की रिपोर्ट से कांग्रेस सरकार संतुष्ट नहीं हुई और नये आयोग का गठन किया। राज्य सरकार ने नवंबर -21 पूर्व न्यायाधीश सतीश अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन की दो सदस्यीय नये आयोग का गठन किया था। और छह माह में रिपोर्ट देनी थी। इसका मुख्यालय रायपुर में है। आयोग ने 19 अप्रैल को पहली सुनवाई की थी।जो मात्र 15 मिनट में खत्म हो गई। उसके बाद से अब तक आयोग का कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है। इस बार आयोग ने कार्य पूरा न होने का आधार बनाया है।

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