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कांकेर। मध्यप्रदेश शासन काल मे वन मंत्री रह चुके भाजपा के दिवंगत नेता अघ्घन सिंह ठाकुर की सरपंच बहू और बेटा को गांव में राशन दुकान के सामान की हेराफेरी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला 5 वर्ष पुराना है, जिसमे अब जाकर कार्रवाई की गई है।

बाजार में खपा दिया सरकारी राशन

कांकेर जिला मुख्यालय से सटे लारगांव मरकाटोला की सरपंच अन्नपूर्णा ठाकुर ने 2017 में सरपंच रहते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के 153 क्विंटल चावल, 57 क्विंटल गेंहू, 5 क्विंटल शक्कर, 9 क्विंटल नमक, 9 क्विंटल चना की हेराफेरी कर ग्रामीणों के हक के राशन को बेच दिया था, जिसकी कीमत 7 लाख 21 हजार रुपये थी।

ग्रामीणों की शिकायत पर हुई जांच

गांव में राशन नही मिलने की शिकायत ग्रामीणों ने जब जिला प्रशासन से की, तब प्रशासन ने खाद्य विभाग की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे, जांच में सरपंच अन्नपूर्णा ठाकुर, उनके पति अल्पेश ठाकुर पर राशन की हेराफेरी करने का आरोप सही पाए जाने पर दोनों के खिलाफ़ कांकेर कोतवाली में सं 2017 एफआईआर दर्ज की गई थी, अब 5 साल बाद दोनों की गिरफ्तारी कांकेर पुलिस ने की है, और उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है।

शासकीय मद में जमा करने थे रुपये

विभागीय जांच के बाद जितना राशन कम पाया गया उसके एवज में राशन की कुल कीमत 7.21 लाख रुपये उन्हें चालान से शासकीय मद में जमा करने को कहा गया था, लेकिन रकम जमा नहीं की गई। जांच में यह भी पता चला कि कार्ड धारकों को उनकी तय मात्रा के अनुसार राशन का वितरण नहीं किया गया।

छात्रावास और आंगनबाड़ी का राशन भी बेचा

जांच के दौरान वितरण सूची और राशनकार्ड में दर्ज मात्रा का मिलान किया गया तो उसमें भी गड़बड़ी मिली। आरोप लगा कि विक्रेता, सरपंच और सचिव ने मिलकर खाद्यान्न की कालाबाजारी की। साथ ही छात्रावास और आश्रमों में दिए जाने वाले चावल, रेडी टू ईट योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले गेहूं को भी तीनों ने सांठ-गांठ करके बेच दिया। इस पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

बता दें कि भाजपा नेता स्व. अघ्घन सिंह ठाकुर अखंड मध्यप्रदेश में एक बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं। इसी दौरान उन्हें प्रदेश का वन मंत्री भी बनाया गया था। यह उनका प्रभाव ही था कि भाजपा के शासनकाल में FIR दर्ज होने के बाद भी उनके बेटे-बहू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी, हालांकि इसी बीच कांग्रेस सरकार के भी 4 साल बीत गए और अब जाकर आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकी है।

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