HIGH COURT

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक डिप्टी कलेक्टर की पदोन्नति से जुड़ी याचिका में पारित आदेश का पालन नहीं करने पर सामान्य प्रशासन तथा राजस्व विभाग के सचिवों के खिलाफ 25-25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। इस मामले की सुनवाई 24 मार्च को होगी।

महासमुंद के शंकरलाल सिन्हा वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर के पद पर हैं। तहसीलदार के पद पर पदस्थापना के दौरान सिन्हा के बेंच के अन्य तहसीलदारों को सन् 2016 में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदोन्नति दी गई लेकिन सिन्हा के खिलाफ विभागीय जांच लंबित होने के आधार पर उनकी पदोन्नति रोक दी गई। 2018 में राजस्व सचिव ने विभागीय जांच के बाद उन्हें दोषमुक्त कर दिया।

वरिष्ठता के लिए हाई कोर्ट की शरण

शंकरलाल सिन्हा ने डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नत किए जाने के बाद वरिष्ठता के लिए हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता को सन 2016 से डिप्टी कलेक्टर पद की वरिष्ठता देने के लिए विभाग में अभ्यावेदन देने का और संबंधित विभागों को आवेदन का नियमानुसार निराकरण करने का आदेश दिया। इसके बाद सिन्हा ने अभ्यावेदन दिया, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की गई।

आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका

अपने अधिवक्ता अभिषेक पांडे और घनश्याम शर्मा के माध्यम से उन्होंने न्यायालय आदेश की अवहेलना को लेकर अवमानना याचिका लगाई। इस पर 24 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट में सचिव सामान्य प्रशासन तथा सचिव राजस्व को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

अवमानना के बढ़ते मामलों पर जताई चिंता

फरवरी 2023 में मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं ने बताया कि अधिकारियों ने नोटिस जारी होने के 6 माह बाद भी अब तक कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए दोनों आईएएस अधिकारियों को 25-25 हजार का जमानती वारंट जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने उच्च न्यायालय में बढ़ते अवमानना मामलों पर भी चिंता जताई है।

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