अमन सिंह

रायपुर। रमन सिंह के पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें आय से अधिक संपत्ति प्रकरण में अमन सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया था।

बता दें कि इसके खिलाफ याचिकाकर्ता उचित शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले को खारिज दिया है। हालांकि उन्हें किसी भी कार्रवाई से बचाव के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।

ऐसे में एक बात तो साफ हो गई है कि भाजपा के शासनकाल के प्रमुख नौकरशाह अमन सिंह द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की फाइल फिर से खुलेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिलासपुर हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें जनवरी 2022 में डीए मामले में पूर्व नौकरशाह अमन सिंह, उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अमन सिंह के पास अग्रिम जमानत मांगने के लिए तीन सप्ताह का समय है और उन्हें डीए मामले में जांच का हिस्सा बनने के लिए कहा है।

गौरतलब है, मामला संख्या SLP (Crl) संख्या 1703-1705/2022 II-C आज सुनवाई के लिए आया, जहां महेश जेठमलानी ने अमन सिंह का प्रतिनिधित्व किया, जबकि याचिकाकर्ता की ओर से संजय हेगड़े ने पैरवी की।

पिछले साल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य के पूर्व प्रधान सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मामला दर्ज करना कानून की प्रक्रिया का “दुरुपयोग” था और आरोप प्रथम दृष्टया थे।

संभावनाओं के आधार पर है। बता दें, फरवरी 2020 में सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत उचित शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि अब अमन सिंह वर्तमान में अडानी समूह में काम कर रहे हैं।

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