DEO-OFFICE-JASHPUR

जशपुर। छत्तीसगढ़ में एक शिक्षा विभाग ही है, जहां सब कुछ संभव है। प्रदेश का जशपुर जिला कई मामलों में अनूठा रहा है। यहां इस वर्ष सबसे ज्यादा शराबी शिक्षक पकड़ में आये, जिन्हें विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया।इसी जिले में जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी को लेकर शुरू हुई लड़ाई हाई कोर्ट तक जा पहुंची। इससे अलग इस बार यहां ऐसा कारनामा हुआ जो विभाग ही नहीं, आम अवाम में भी चर्चा का विषय बन गया है।

जशपुर जिले में कई स्कूल ऐसे हैं, जो प्रभारी प्रधान पाठक के भरोसे चल रहे हैं, मगर काफी संख्या में ऐसे भी स्कूल हैं, जहां पर एक नहीं बल्कि दो-दो प्रधान पाठक पदस्थ हैं। जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यहां के दो दर्जन से अधिक स्कूलों में पिछले कई महीनों से दो-दो प्रधान पाठक पदस्थ हैं।

पदोन्नति और पदस्थापना में हुआ खेल

जशपुर जिले में दिसंबर माह में 1100 से अधिक सहायक शिक्षकों को पदोन्नत कर प्रधान पाठक बनाया गया, और उन्हें जिले के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ किया गया, लेकिन पदस्थापना में जमकर खेला किया गया। यहां दो दर्जन से अधिक स्कूलों में दो-दो प्रधान पाठक पदस्थ हो गए। दरअसल जिन स्कूलों में पूर्व से ही प्रधान पाठक पदस्थ हैं, उन्हीं स्कूलों में फिर से एक और प्रधान पाठक को पदस्थ कर दिया गया।

पूर्व DEO के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी

जशपुर जिले के स्कूलों में दिसंबर के महीने में ये कारनामा किया गया। तब यहां बतौर DEO मधुलिका तिवारी कुछ समय तक पदस्थ रहीं। उनके ही कार्यकाल में यहां सहायक शिक्षकों को प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति और उनकी पदस्थापना दूसरे स्कूलों में की गई। इस दौरान लगभग दो दर्जन स्कूलों में दो-दो प्रधान पाठक पदस्थ कर दिए गए, जबकि कई अन्य स्कूल अब भी प्रभारी प्रधान पाठको के भरोसे चल रहे हैं।

इस संबंध में जब वर्तमान में पदस्थ DEO जे के प्रसाद से पूछा गया तब उन्होंने कहा कि ये सभी पदोन्नति और पदस्थापना जिले की पूर्व DEO मधुलिका तिवारी ने किया है। वे इस मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

पूर्व DEO मधुलिका तिवारी

“प्रत्याशा” में की गई “पदस्थापना”

इस खबर की रिपोर्टिंग के दौरान बड़ी ही मजेदार बात सामने आयी। इस संवाददाता ने जब जशपुर के ग्राम जिलिंग स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में हाल ही में बतौर प्रधान पाठक पदोन्नत होकर पदस्थ हुईं रंजू नगेशिया से इस बारे में पूछा तब उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पूर्व से ही पदस्थ एल्विन तिर्की की सेवानिवृत्ति की “प्रत्याशा” में उन्हें प्रधान पाठक बनाकर यहां पदस्थ किया गया है। मजे की बात यह है कि एल्विन तिर्की सन 2030 में सेवानिवृत्त होने वाली हैं। सरल भाषा में समझा जाये तो यहां “प्रत्याशा” का मतलब ये हुआ कि पूर्व प्रधान पाठक की सेवानिवृत्ति जल्द ही होने वाली है और उनके बाद वर्तमान में पदस्थापना पर आये शिक्षक यह पद संभाल लेंगे।

एक नहीं कई “प्रत्याशाएं”

पूर्व DEO मधुलिका तिवारी के कार्यकाल में सही तथ्यों को छिपाकर इसी तरह कई शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में प्रधान पाठक बना दिया गया, जहां पहले से ही प्रधान पाठक पदस्थ हैं और उनकी सेवानिवृत्ति में अभी कई वर्ष बाकी हैं। रंजू नगेशिया की तरह ही सतीश महतो को “प्रत्याशा”की आड़ में चिरवारी बस्ती, जशपुर स्थित प्राथमिक शाला में पदस्थ कर दिया गया, जबकि यहां पहले से ही पदस्थ प्रधान पाठक मनबहाल राम भगत सन 2031 में रिटायर होंगे। ऐसे शिक्षकों की फेहरिस्त काफी लंबी है जिन्हें कथित तौर पर “प्रत्याशा”का लाभ दिया गया।

DEO जे के प्रसाद

“सेटअप” से किया गया खिलवाड़

किसी भी संस्था में सेटअप के मुताबिक ही स्टाफ की पदस्थापना और उसके आधार पर ही वेतन का आबंटन होता है, मगर जशपुर जिले में शिक्षा विभाग में जिस तरह का कृत्य किया गया है, उससे तकनीकी दिक्कत आ गई है। दो-दो प्रधान पाठक वाले स्कूलों में अब सेटअप से ज्यादा स्टाफ हो गए हैं। ऐसे में विभाग किस तरह मैनेज कर रहा है, ये तो जिले के DEO ही जानें, मगर इस तरह की गड़बड़ी के पीछे पैसे का जो खेल चला है उसको लेकर अब स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मामले की जांच और कड़ी कार्यवाही की मांग करने लगे हैं।

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