KAWARDHA PITAI F1

कबीरधाम/कोरबा। कवर्धा जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय में सीनियर छात्रों ने जूनियर्स की बेहरमी से पिटाई की। यही नहीं जूनियर छात्रों के बाल भी काटे गए। इस मामले में विद्यालय प्रबंधन ने कार्यवाही में रूचि नहीं दिखाई। इस बीच जब सोशल मीडिया में इसका वीडियो वायरल हुआ हुआ तब जिले के कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अधीक्षक को हटा दिया, वहीं प्रिंसिपल को शोकाज नोटिस जारी किया गया है। ऐसा ही एक वाकया कोरबा जिले के एकलव्य आवासीय विद्यालय में भी हुआ था, मगर न तो प्रशासन ने और न ही विभाग ने कोई कार्रवाई की। उलटे मामले की जांच करने गईं बाल आयोग की सदस्य ने इस प्रकरण में विद्यालय प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी है।

कबीरधाम (कवर्धा) जिले के तरेगांव जंगल में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का संचालन होता है। प्रतिभावान आदिवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत देश भर में ऐसे आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जाता है, मगर उपेक्षा के चलते छत्तीसगढ़ में ऐसे विद्यालयों में अव्यवस्था का आलम है। कवर्धा के इस विद्यालय का एक वीडियो जब सोशल मीडिया में वायरल हुआ तब लोगों का ध्यान इस घटना पर गया। दरअसल इस वीडियो में छात्र जमीन पर बैठे हुए हैं और कुछ सीनियर छात्र जूनियर्स को बेरहमी पीट रहे हैं। इसके साथ ही एक सीनियर दूसरे छात्र के बाल भी काट रहा है। इस वीडियो को देखकर किसी का भी दिल दहल जायेगा। लोगों ने इस मामले की जानकारी कबीरधाम (कवर्धा)कलेक्टर जन्मेजय महोबे को देते हुए कार्रवाई की मांग की।

कबीरधाम (कवर्धा) कलेक्टर जन्मेजय महोबे

सच्चाई जानने एकलव्य विद्यालय पहुंची जांच टीम

कलेक्टर जन्मेजय महोबे के निर्देश पर वीडियो की सत्यता और घटना की जांच करने के लिए रात 9 बजे संयुक्त कलेक्टर और प्रभारी आदिमजाति सहायक आयुक्त मोनिका कौडों, एसडीएम पीसी कोरी, बोड़ला एसडीएम संदीप ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर आकांक्षा नायक, बोड़ला तहसीलदार बोड़ला विकासखण्ड के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर पहुंचे।

अधिकारियों की टीम ने वायरल वीडियो के आधार पर तरेगांव में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अधीक्षक, प्रिंसिपल तथा बच्चों से घटना की पूरी जानकारी ली। जांच में प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो में छात्रावासी बच्चों की मारपीट की घटना 11 मार्च 2023 की पाई गई।

तत्काल की गई कार्रवाई

अधिकारियों की टीम ने जांच के बाद रात 12 बजे कार्यवाही भी कर दी। यहां तरेगांव जंगल एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अधीक्षक मालिक राम मरकाम को तत्काल संस्थान से हटा दिया गया। उनके स्थान पर प्री मैट्रीक आदिवासी बालक छात्रावास के अधीक्षक प्रहलाद पात्रे को आवासीय विद्यालय का चार्ज दिया गया।

वहीं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल प्रमोद प्रकाश को शोकाज नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि “11 मार्च 2023 को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तरेगाव जंगल के छात्रावास परिसर में सीनियर छात्रों द्वारा बच्चों से मारपीट कर सोशल मीडिया में वीडियो वायरल किया गया। यह घटना आपके संज्ञान में होने के बाद भी आपके द्वारा अधोहस्ताक्षरी को अवगत नहीं कराया गया, जो आपके दायित्वों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है।” प्राचार्य को नोटिस का जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई है।

कबीरधाम (कवर्धा) के एकलव्य विद्यालय में छात्रों की पिटाई का VIDEO :

मामूली कार्रवाई से परिजन नाराज

इस शिक्षण संस्था में बच्चों की बेरहमी से पिटाई और उनके बाल कटे जाने के मामले की जानकारी होने के बावजूद विद्यालय के प्राचार्य और अधीक्षक द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं करने से आरोपी छात्रों के हौसले बुलंद हुए और उन्होंने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। प्रशासन द्वारा इस मामले में की गई कार्रवाई से बच्चों के परिजन संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। केवल अधीक्षक को हटाना और प्राचार्य को नोटिस जारी करना पर्याप्त नहीं है। परिजनों का दबी जुबान कहना है कि दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए और पिटाई करने वाले छात्रों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा पीड़ित छात्रों का मनोबल कमजोर होगा।

एक ही तरह के मामले में दोहरा मापदंड

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कवर्धा की तरह ही एक मामला कोरबा जिले के छूरी में संचालित एकलव्य विद्यालय में हुआ, जहां पूरे प्रकरण को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया। इस मामले को TRP न्यूज़ ने प्रमुखता से उठाया था, जिसे बाल आयोग ने भी संज्ञान में लिया, मगर फ़िलहाल कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है।

टीआरपी न्यूज़ की खबर

जूनियर छात्र की चप्पल से कराई गई पिटाई

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, छूरी में कथित तौर पर छात्रावास अधीक्षक के निर्देश पर शाम की बैठक के दौरान सभी छात्रों के बीच एक जूनियर छात्र की सीनियरों ने चप्पल से पिटाई की थी। छात्र की इस कदर पिटाई की गई कि वह बीमार पड़ गया। इस खबर का जब TRP न्यूज़ ने प्रकाशन किया तब जाकर आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त ने कलेक्टर के निर्देश पर बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

छात्र को चलने में हो रही है तकलीफ

पीड़ित छात्र के पिता पूर्व में सरपंच रहे हैं और उन्होंने अपने स्तर पर मामले की शिकायत भी की, मगर जांच के नाम पर केवल लीपापोती की गई। पिता ने TRP न्यूज़ को बताया कि उसके बेटे के कूल्हे पर चप्पल कई बार मारा गया, जिसके चलते उसके नस में खिंचाव हो गया और वह ठीक से चल नहीं पा रहा है, वह अपने स्तर पर अपने बच्चे का इलाज करा रहा है, इसमें स्कूल प्रबंधन और विभाग उसकी कोई भी मदद नहीं कर रहा है।

SP से भी शिकायत, पर कार्रवाई नहीं

इस मामले में पीड़ित छात्र के पिता की शिकायत पर कार्रवाई के लिए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामप्रसाद कोर्राम ने पुलिस अधीक्षक कोरबा को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई की भी मांग की, मगर पुलिस की ओर से भी कोई पहल नहीं हुई। अब इस मामले में इनका समाज आंदोलन करने का मूड बना रहा है।

बाल आयोग सदस्य ने निभाई औपचारिकता

TRP न्यूज़ की खबर पर संज्ञान लेते हुए छग राज्य बल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंअर नेताम ने सदस्य सुनीता गजभिये को जांच के लिए कोरबा भेजा। सुनीता गजभिये ने एकलव्य विद्यालय में पहुँच कर सभी का पक्ष जाना और पीड़ित बच्चे तथा प्रत्यक्षदर्शियों और पिटाई करने वाले सीनियर छात्रों सहित अधीक्षक और प्राचार्य का बयान लिया और बाकायदा मोबाइल पर इसकी रिकॉर्डिंग भी की। इस दौरान उन्होंने अधीक्षक और प्राचार्य को जमकर फटकार भी लगाई और कार्यवाही की चेतावनी भी दी। मगर इसी दौरान ही उन्होंने मौके पर दोनों पक्षों का समझौता भी करा दिया और समझाईश दी कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। मौके पर मौजूद पीड़ित बच्चे के पिता इस बात से परेशान थे कि मैडम जांच करने आयी हैं कि समझौता कराने। उन्हें इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि उनके सामने ही सुनीता गजभिये ने अधीक्षक और प्राचार्य को पंचवटी विश्राम गृह में मिलने के लिए बुलाया, जहां वे ठहरी हुई थीं।

सुनीता गजभिये

गौर करने वाली बात यह भी है कि केवल एक मामले की जांच के नाम पर कोरबा भेजी गईं सुनीता गजभिये लगभग एक सप्ताह तक कोरबा जिले में भ्रमण करती रहीं और कहीं छात्रावास तो कहीं विद्यालय का औचक निरिक्षण किया। उनके साथ स्थानीय सरकारी अमले के अलावा उनका कथित पीए और पुत्र भी साथ मौजूद रहे। इस बात की खबर जब बाल आयोग के अधिकारियों को लगी तब उन्हें तत्काल वापस लौटने को कहा गया।

इस तरह एक छात्र की बुरी तरह पिटाई हुई, जिससे उससे स्वास्थ्यगत परेशानी हुई, इसके बावजूद न तो कोरबा जिले के कलेक्टर ने और न ही संबंधित विभाग और बाल आयोग ने कोई एक्शन लिया है। बहरहाल देखना है कि इसी तरह की घटना में कवर्धा जिला प्रशासन द्वारा तत्काल की गई कार्रवाई से सबक लेते हुए यहां का जिला प्रशासन भी देर से ही सही कोई कार्यवाही करता भी है या नहीं।

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